रामेश्वरम/मसूरी: भगवान श्री राम के पूज्य स्थल और भगवान शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंगम में से एक श्री रामेश्वरम में मसूरी से पधारे जगदगुरु आर्यम जी महाराज के सानिध्य में अपराजेय अग्निहोत्रम विशेष अनुष्ठान किया गया।
आर्यम इंटरनेशनल फ़ाउंडेशन भारत मसूरी की प्रवक्ता यामिनी श्री ने बताया कि आर्यम इंटरनेशनल फाउंडेशन के अन्तर्गत संचालित भगवान शंकर आश्रम एवं श्री शक्ति संधान पीठ मसूरी के मुख्य अधिष्ठाता परम प्रज्ञ जगद्गुरु प्रोफ़ेसर पुष्पेंद्र कुमार आर्यम जी महाराज के आह्वान पर माघी पूर्णिमा पर रामेश्वरम धाम में भव्य एवं दिव्य अनुष्ठान आयोजित हुआ। इस मौके पर गुरुदेव आर्यम जी महाराज ने स्पष्ट किया कि इसी भूमि पर भगवान श्री राम ने लंका विजय से पूर्व यहीं ज्योतिर्लिंगम की प्रतिष्ठा की थी। जिससे उन्हें विजय प्राप्त हुई। इसअनुष्ठान को बाधामुक्ति, विजय सूत्रम् और सुखी समृद्धजीवन के लिए गुरुदेव द्वारा दुर्लभ मंत्रों से अनुष्ठा करवाया गया।ट्रस्ट की अधिशासी प्रवक्ता माँ यामिनी श्री ने बताया कि गुरुदेव आर्यम जी महाराज के ऐसे दिव्य स्थान को अग्निहोत्र चयनित से देश विदेश से हिंदू मूल और गुरुदेव के दीक्षित शिष्यों ने अपने कुल कुटुंब में प्रथम बार ज्योतिर्लिंगम की दर्शन किए। ऐसे दिव्य स्थानों पर गुरुदेव आर्यम जी जल्द ही आगामी वर्ष में आलोकिक अनुष्ठान करेंगे। रामेश्वरम धाम में अभिषेक बहुत हुए हैं, किंतु अग्निहोत्र में शामिल होने से शिव की विशेष के कृपा के पात्र बनते हैं। कई जन्मों के पुण्य व्यक्ति को रामेश्वरम के महा दर्शन का सौभाग्य प्रदान करते हैं। ज्योतिर्लिंगम के समक्ष स्थित सीताराम आश्रम में आयोजित इस समारोह में लगभग 200 भक्तों और आर्यम शिष्यों ने भाग लिया। संत रविदास जयंती पर गुरुदेव ने उनका पुण्य स्मरण करते हुए उनके आध्यात्मिक योगदान पर भी प्रकाश डाला।
इस अनुष्ठान में विशेष सहयोग स्थानीय संयोजक राज रतन जी का रहा। इसके साथ श्वेता जायसवाल, हर्षिता आर्यम, अविनाश जायसवाल, प्रीतेश आर्य, सुनील आर्य, प्रविंद्र, शालिनी शर्मा, गौरव स्वामी, रवि शर्मा, सऊदी अरब से सोनिया और अजीत कुंदन आदि का विशेष योगदान रहा।