सोहना(गुरुग्राम)। आर्यम इंटरनेशनल फ़ाउंडेशन, भारत के तत्वावधान में गुरुपूर्णिमा महोत्सव अत्यंत भव्य एवं दिव्य अनुभूतियों के साथ संपन्न हुआ। प्राचीन शिवनगरी सोहना में आयोजित इस महोत्सव में देश और दुनिया से लगभग 1200 आर्यम भक्तों ने सहभागिता की। 1100 कमल के पुष्पों से श्री विष्णु सहस्रनाम् का पारायण एवम् महालक्ष्मी का विशेष अर्चन किया गया।पूर्णिमा पर समूचा वातावरण ईश्वरीय ऊर्जा से ओतप्रोत हो उठा।
ट्रस्ट के संस्थापक अध्यक्ष और आश्रम के कुल प्रमुख परम प्रज्ञ जगतगुरु प्रोफ़ेसर पुष्पेंद्र कुमार आर्यम महाराज के सानिध्य और मार्गदर्शन में समस्त आयोजन संपन्न हुए। देश भर से पधारे श्रद्धालुओं ने प्रभु प्रसाद का रसास्वादन किया। गुरुपूर्णिमा और व्यासपूजा पर प्रकाश डालते हुए आर्यम महाराज ने इन पर्वों की महत्त्वता को रेखांकित किया। उन्होंने विशेषकर बच्चों और किशोरों को हिंदुत्त्व के संस्कारों को अपनाने पर बल दिया। अपने दीक्षा समारोह में देश और दुनिया से पहुँचें लोगों को उपदेशित करते हुए गुरुश्रेष्ठ ने स्पष्ट किया कि उन्होंने परम प्रज्ञा और परिमार्जित विशेष ज्ञान के प्रतीक मोरपंखी रॉयल ब्ल्यू रंग का चुनाव ही क्यों किया। आर्यम ने बताया कि हमारे शरीर में ऊर्जा के सात पहिये हैं जिन्हें हम चक्र कहते हैं इनमें सर्वोच्च सहत्रार चक्र का रंग भी मोरपंखी नीला है। दीक्षा में चूँकि साधक का एक नया जन्म होता है और बिना बौद्धिक विकास के उसके पथभ्रष्ट होने की संभावना अधिक रहती है अतः यह रंग आत्मरूपांतरण में गेरुए से भी अधिक शुद्ध है। पूर्ववर्ती महान गुरुओं जिनमें गुरु गोरखनाथ और गुरु गोविंद सिंह जी का नाम प्रमुख हैं ने भी इस रंग का विशिष्ट प्रयोग किया था।
आज के सुअवसर पर आर्यम गुरुगायत्री का भी लोकार्पण किया गया। देश विदेश से पधारे लगभग 1200 महिला, पुरुष और बच्चों में से 255 ने नवदीक्षा , 125 ने मंत्र दीक्षा ली। जबकि पूर्ववर्ती दीक्षित 400 संयोगियों ने शक्तिपात का अनुभव अर्जित किया। ज्ञात हो कि गुरुश्रेष्ठ आर्यम जी महाराज के पावन सानिध्य में हज़ारों हज़ार लोगों का जीवन तेज़ी से रूपांतरित हो रहा है। लोग पूर्ण समर्पण और श्रद्धा विश्वास से अपनी मूल जड़ों की और लौट रहे हैं। यज्ञ प्रार्थना हवन भजन और मंत्र सभी की जीवन शैली का अंग बन रहे हैं। लोगों का जीवन अधिक सफल, अधिक शांत अधिक समृद्ध और अधिक सुखी होता जा रहा है।कार्यक्रम का संचालन फ़िल्म स्टार विपिन कौशिक ने किया।
कार्यक्रम के आयोजन में माँ यामिनी श्री, हर्षिता आर्यम, शालिनी श्री, सुनील आर्य, पंडित पवन कौशिक, बबीता कौशिक , मुकुल, सुनील कुमार , प्रविंद्र , देवेंद्र, ,अश्वनी कुमार, अविनाश जायसवाल , श्वेता जयसवाल, जितेंद्र शर्मा, प्रीतेश आर्य, करण पम्मीराज , मासूम वर्मा, सरिता कृष्णे, प्रजेश यादव, निशा शर्मा, सीमा यादव, सुनीता रवि सिंह, नीतू गुप्ता, गौरव स्वामी ,राजकुमार दक्ष आदि का सहयोग रहा।
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