नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से आधिकारिक वार्ता से पहले व्हाइट हाउस में स्वागत समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि कि दोनों देशों के समाज और संस्थाएं लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित हैं तथा दोनों (देशों) को अपनी विविधता पर गर्व है। प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देश वैश्विक अच्छाई, शांति, स्थिरता के लिए काम करेंगे और दोनों देशों के संबंध नई ऊंचाइयों को छुएंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति बाइडन के साथ व्हाइट हाउस के प्रांगण में अपने संबोधन में कहा,”हम दोनों देश अपनी विविधता पर गर्व करते हैं, हम दोनों ही सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय के मूल सिद्धांत में विश्वास करते हैं।”
मोदी ने कहा कि भारत और अमेरिका के समाज और संस्थाएं लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित हैं और दोनों देशों का संविधान तीन शब्द “वी द पीपल” से प्रारंभ होता है जिसकी चर्चा राष्ट्रपति बाइडन ने की है।
व्हाइट हाउस में शानदार स्वागत के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रथम महिला जिल बाइडन का आभार जताया। उन्होंने कहा,”आज वहाइट हाउस में शानदार स्वागत सम्मान एक प्रकार से 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान है। यह अमेरिका में रहने वाले करीब 40 लाख भारतीय मूल के लोगों का भी सम्मान है। इसके लिए मैं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रथम महिला जिल बाइडन का आभार प्रकट करता हूं।”
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आधिकारिक स्वागत का गवाह बनने के लिए बड़ी संख्या में प्रवासी भारतीय बूंदाबांदी के बीच व्हाइट हाउस के ‘साउथ लॉन’ में जमा थे। उन्होंने कहा कि तीन दशक पहले वे एक आम व्यक्ति के रूप में अमेरिका आए थे और उस समय उन्होंने बाहर से व्हाइट हाउस को देखा था। उन्होंने कहा,”प्रधानमंत्री बनने के बाद मैं कई बार यहां आया, लेकिन आज पहली बार व्हाइट हाउस के दरवाजे इतनी बड़ी संख्या में भारतीय अमेरिकी समुदाय के लोगों के लिए खुले हैं। मैं इसको लेकर काफी सम्मानित महसूस कर रहा हूं। ” उन्होंने कहा कि भारतीय समुदाय के लोग अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण के जरिये अमेरिका में भारत का गौरव बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देश वैश्विक अच्छाई, शांति, स्थिरता के लिए काम करेंगे और दोनों देशों के संबंध नई ऊंचाइयों को छुएंगे।
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