Tuesday, September 10, 2024

उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय का निधन, लंबे समय से कैंसर से थे पीड़ित

Must read

ऋषि पंचमी एवं गणेश उत्सव पर स्विट्ज़रलैंड में हुआ विशेष अनुष्ठान

स्विट्ज़रलैंड: स्विट्ज़रलैंड अवस्थित आर्यम इंटरनेशनल फाउंडेशन के अन्तर्गत संचालित भगवान शंकर आश्रय में श्री गणेश उत्सव और भाद्रपद की शुक्ल पक्ष की पंचमी जिसे...

भगवान शंकर आश्रम, मसूरी द्वारा 22 निर्धन परिवारों को सितंबर माह का राशन वितरित

मसूरी(देहरादून),उत्तराखंड: देवभूमि उत्तराखण्ड में अवस्थित आर्यम इंटरनेशनल फ़ाउंडेशन के तत्त्वावधान में संचालित भगवान शंकर आश्रम द्वारा घोषित माँ अन्नपूर्णा भंडारा कार्ड योजना के अन्तर्गत...

कॉलेज में आयोजित हुई राखी मेकिंग प्रतियोगिता, छात्र-छात्राओं ने बनाई शानदार राखियां

हापुड़। नगर के टैगोर शिक्षा सदन इंटर कॉलेज में रक्षाबंधन से पूर्व राखी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिससे 260 स्टूडेंट्स ने भाग लिया।...

आर्यम अनुष्ठान में उमड़ पड़े हिंदू श्रद्धालु

वैदिक मंत्रों से गूँजा अफ़्रीकी देश मॉरीशस मॉरीशस। आर्यम इंटरनेशनल फ़ाउंडेशन मॉरीशस के अन्तर्गत संचालित भगवान शंकर आश्रम कतरबोर्न पालमा में शिवरात्रि श्रावण माह...

हाथरस:  हाथरस की सियासत के पर्याय समझे जाने वाले रामवीर उपाध्याय आखिर मौत से हार गए। लंबे समय से कैंसर से जूझ रहे उपाध्याय को आगरा स्थित आवास से देर रात हालत बिगड़ने पर आगरा के रेनबो अस्पताल ले जाया गया। जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उनकी मृत्यु की खबर हाथरस और आसपास के क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। लगभग 64 वर्षीय रामवीर उपाध्याय मायावती की सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। बाद में वह भाजपा में शामिल हो गए थे। लगभग 25 साल तक हाथरस की विभिन्न विधानसभा सीटों से विधायक रहने वाले रामवीर उपाध्याय की गिनती कद्दावर नेताओं में होती थी। उनकी पत्नी सीमा उपाध्याय जिला पंचायत हाथरस की अध्यक्ष हैं। वह अपने पीछे एक बेटा और दो बेटियां छोड़ गए हैं। रामवीर उपाध्याय के भाई रामेश्वर ब्लॉक प्रमुख हैं। उनके एक और भाई मुकुल उपाध्याय पूर्व विधायक हैं। प्रदेश के पूर्व ऊर्जा मंत्री रामवीर उपाध्याय बसपा की सरकार में चिकित्सा शिक्षा और परिवहन मंत्री भी रहे थे। उनका आगरा से गहरा जुड़ाव रहा। ब्राह्मण समाज में उनकी खासी पकड़ थी। वर्ष 2009 में उन्होंने पत्नी सीमा उपाध्याय को आगरा की फतेहपुरसीकरी लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा। वह राजबब्बर को हराकर चुनाव जीती थीं।मूलरूप से सादाबाद निवासी रामवीर उपाध्याय ने बसपा सरकार के दौरान ही आगरा को अपनी कर्मभूमि बना लिया था। उन्होंने शास्त्रीपुरम में आवास बनवाया। बसपा के कद्दावर नेता रहे रामवीर उपाध्याय का पार्टी से वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान मोहभंग हो गया था। उनकी पत्नी सीमा उपाध्याय और भाई मुकुल उपाध्याय पहले ही भाजपा का दामन थाम चुके थे। विधानसभा चुनाव से पहले उनके पुत्र चिराग भी आगरा में ही भाजपा में शामिल हो गए। हाल के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें सादाबाद से चुनाव मैदान में उतारा था, लेकिन वह जीत नहीं सके। आगरा समेत आसपास के जिलों में ब्राह्मण समाज के साथ ही सर्वसमाज में उनकी गहरी पैठ थी। यही कारण था कि भाजपा ने उन्हें न केवल पार्टी में शामिल किया बल्कि विधानसभा चुनाव में भी उतारा था। उनके निधन से जिले में शोक की लहर दौड़ गई। उनके निधन से राजनीति में बड़ा शून्य हो गया। भाजपा नेता डीके तिवारी ने कहा कि वह आगरा के लोगों की समस्याओं का निदान किया करते थे। अकसर वे अपने आवास पर जनता दरबार लगाकर समस्याएं सुनते और सुलझाते थे।

Latest News