दुनिया के सबसे ताकतवर देशों के समूह की अध्यक्षता के लिए भारत तैयार, जी-20 सचिवालय स्थापित करने को मिली मंजूरी

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जी-20 सचिवालय स्थापित करने को मिली मंजूरी (फाइल फोटो)

दुनिया के सबसे शक्तिशाली और प्रगतिशील देशों का संगठन की अध्यक्षता के लिए भारत ने कमर कस ली है। मंगलवार को पीएम मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जी-20 सचिवालय स्थापित करने को मंजूरी दे दी है।
नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जी-20 सचिवालय (G-20 Secretariat) स्थापित करने को मंगलवार को मंजूरी दे दी है ताकि इस प्रतिष्ठित समूह की भारत की अध्यक्षता के लिये जरूरी व्यवस्था की जा सके। भारत 1 दिसंबर 2022 से लेकर 30 नवंबर 2023 तक जी-20 की अध्यक्षता करेगा। अध्यक्षता के इस कार्यकाल का समापन 2023 में भारत में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन के साथ होगा। जी-20 अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का एक प्रमुख मंच है,जो कि वैश्विक आर्थिक प्रशासन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
सरकारी बयान के अनुसार,”प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में जी-20 के एक सचिवालय और इसकी रिपोर्टिंग संबंधी संरचनाओं की स्‍थापना को मंजूरी दी,जो कि भारत की आगामी जी-20 की अध्‍यक्षता के सुचारु संचालन के लिए आवश्‍यक समग्र नीतिगत निर्णयों और व्‍यवस्‍थाओं के कार्यान्‍वयन के लिए जिम्‍मेदार होगी”। इसमें कहा गया है कि चलन के अनुसार जी-20 सचिवालय की स्थापना इस समूह की भारत की अध्यक्षता के संबंध में जानकारी, सामग्री, तकनीकी, मीडिया, सुरक्षा एवं आवाजाही से जुड़े कार्यो की देखरेख के लिये की जा रही है।
जी-20 सचिवालय फरवरी 2024 तक करेगा कार्य
जी-20 सचिवालय विदेश मंत्रालय, वित्त मंत्रालय और अन्य संबंधित मंत्रालयों/विभागों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों और कार्यक्षेत्र से संबंधित विशेषज्ञों द्वारा संचालित किया जाएगा। यह सचिवालय फरवरी 2024 तक कार्य करेगा। बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली एक शीर्ष समिति इस सचिवालय का मार्गदर्शन करेगी। इस शीर्ष समिति में वित्त मंत्री, गृह मंत्री, विदेश मंत्री, और जी-20 शेरपा (वाणिज्य एवं उद्योग, वस्त्र, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री) शामिल होंगे, जो कि भारत की जी-20 की अध्‍यक्षता को समग्र मार्गदर्शन प्रदान करेंगे। जी-20 से संबंधित सभी तैयारियों की निगरानी के लिए एक समन्वय समिति भी गठित की जाएगी,जो इस शीर्ष रिपोर्ट करेगी।
1999 में जी- 20 का गठन
सितंबर 1999 में जी-7 देशों के वित्त मंत्रियों ने जी-20 का गठन एक अंतरराष्ट्रीय मंच के तौर पर किया था। यह मंच अंतरराष्ट्रीय वित्तीय स्थिरता को बनाए रखने के साथ ब्रेटन वुड्स संस्थागत प्रणाली की रूपरेखा के भीतर आने वाले व्यवस्थित महत्वपूर्ण देशों के बीच अनौपचारिक बातचीत एवं सहयोग को बढ़ावा देता है। यह समूह (जी-20) अपने सदस्यों के अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग और कुछ मुद्दों पर निर्णय करने के लिए प्रमुख मंच है। इसमें 19 देश और यूरोपीय संघ शामिल है। जी-20 के नेता वर्ष में एक बार साथ मिलते हैं और बैठक करते हैं।
जी-20 दुनिया के सबसे शक्तिशाली देशों का संगठन
वहीं आपको बता दें कि जी-20 दुनिया के सबसे शक्तिशाली और प्रगतिशील देशों का एक संगठन है। ये मंच इंटरनेशनल इकॉनोमिक को-ऑपरेशन एवं ग्लोबल इकॉनोमिक गवर्नेंस में अहम भूमिका निभाता है। जी-20 सचिवालय को भारत की अध्यक्षता के मूल कार्यों के साथ-साथ ज्ञान, सामग्री, तकनीकी, मीडिया, सुरक्षा और लॉजिस्टिक से जुड़े तमाम कार्यों की जिम्मेदारी सौंपी जायेगी।

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