Wednesday, April 24, 2024

राजस्थान: सीएम गहलोत दे सकते हैं खुशखबरी! बीते 3 साल से बोर्ड-निगम में खाली पड़े अध्यक्ष- सदस्यों और संसदीय सचिव के पद भरेंगे

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राजस्थान में कांग्रेस सरकार को बने हुए 17 दिसंबर को 3 साल पूरे हो रहे हैं। ऐसे में बोर्ड, निगमों और आयोगों में अध्यक्ष-सदस्यों के पद 3 साल से खाली चल रहे हैं, जिसमें से नेताओं को अध्यक्ष-सदस्यों के खाली पदों पर एडजस्ट किया जाएगा।
जयपुर : राजस्थान में कांग्रेस की जयपुर रैली के बाद बड़ी सियासी खबर सामने आ रही है। जहां एक बार फिर अब राजनीतिक नियुक्तियों की चर्चा शुरू हो गई है। वहीं, इस हफ्तें बड़ी तादाद में नेताओं को राजनीतिक नियुक्तियां देने की संभावना की जा रही है। ऐसे में 3 साल से खाली पड़े बोर्ड-निगमों और आयोगों में अध्यक्ष बनाकर विधायकों को राजी करने पर बातचीत चल रही है। वहीं, संसदीय सचिव बनाए जाने पर भी इसी फैसलें होने के आसार नजर आ रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस की रैली के कारण यह काम रुक गया था, जिसे अब फिर से गति देने की शुरुआत की जा रही हैं।
दरअसल, आगामी 17 दिसंबर को गहलोत सरकार की तीसरी वर्षगांठ है। इसी के आसपास संसदीय सचिवों की नियुक्ति के साथ बोर्ड निगमों में अध्यक्ष बनाए जा सकते हैं। चूंकि हाल ही में हुए मंत्रिमंडल फेरबदल के बाद कई विधायक नाराज चल रहे हैं। फिलहाल अब उन्हें अब बोर्ड- निगमों में अध्यक्ष बनाकर या ससंदीय सचिव बनाकर राजी किया जाएगा। वहीं, BSP से कांग्रेस में शामिल हुए 5 में से 3विधायकों को खाली पड़े बोर्डों में अध्यक्ष बनाया जा सकता है। ऐसे में एक से 2 को संसदीय सचिव बनाया जा सकता है। इस दौरान निर्दलीय विधायकों और कांग्रेस विधायकों को भी जमाया जाएगा।
बीते 3 साल से खाली पड़े हैं बोर्ड, आयोग अध्यक्षों और सदस्यों के पद
बता दें कि राजस्थान में कांग्रेस सरकार को बने हुए 17 दिसंबर को 3 साल पूरे हो रहे हैं। ऐसे में बोर्ड, निगमों और आयोगों में अध्यक्ष-सदस्यों के पद 3 साल से खाली चल रहे हैं, जिसमें से नेताओं को अध्यक्ष-सदस्यों के खाली पदों पर एडजस्ट किया जाएगा। वहीं, राजस्थान पर्यटन विकास निगम आरटीडीसी, राजस्थान राज्य बीज निगम, जन अभाव अभियोग निराकरण समिति, लघु उद्योग विकास निगम, बुनकर सहकारी संघ,मेला विकास प्राधिकरण, जयपुर, जोधपुर,अजमेर विकास प्राधिकरण में अध्यक्ष पद, 20 सूत्री कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति में उपाध्यक्ष और सदस्य, सेंटर फॉर डेवलपमट ऑफ वॉलेंटरी सेक्टर के पद खाली पड़े हुए हैं।
7 अकादमियों में अध्यक्ष पर पर नियुक्तियां हैं खाली
इस दौरान साहित्य अकादमी, उर्दू अकादमी, संस्कृत अकादमी, बृजभाषा अकादमी, ललित कला अकादमी, संगीत नाटक अकादमी, सिंधी भाषा अकादमी है। जिसमें आबू, अलवर, बाड़मेर, भरतपुर, भीलवाड़ा, बीकानेर,चित्तौड़गढ़, जैसलमेर, कोटा, पाली, सीकर, श्रीगंगानगर, सवाईमाधोपुर, उदयपुर यूआईटी में अध्यक्ष के पद खाली पड़े हुए हैं।
एमएलए को मंत्री का दर्जा और वेतन-भत्ते नहीं मिलेंगे
गौरतलब है कि इस दौरान विधायकों को बोर्ड, निगमों और आयोगों में अध्यक्ष पद से लेकर संसदीय सचिव तक बनाए जाने पर मंत्री का दर्जा, वेतन भत्ते नहीं मिलेंगे। ऐसे में विधायकों को लाभ के पद के दायरे से बाहर करने के लिए योजना बनाई गई है। सीएम गहलोत ने यह पैटर्न अपनाने के संकेत दे चुके हैं। वहीं, सुप्रीम कोर्ट के आदेशों और कानूनी प्रावधानों के अनुसार, विधायक-मंत्री को छोड़कर कोई भी ऐसे पद पर नहीं रह सकता, जिसमें वेतन भत्ते मिलते हो। फिलहाल 6 विधायकों को मुख्यमंत्री का सलाहकार बनाए जाने पर बीजेपी ने लाभ का पद होने का सवाल उठाते हुए राज्यपाल से शिकायत की थी। ऐसे में मुख्यमंत्री के सलाहकारों को अब से वेतन भत्ते और मंत्री का दर्जा नहीं मिलेगा।

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