इस बार भी नहीं लगेगा मखदूमपुर मेला, बीते साल कोरोना और इस बार रही ये बड़ी समस्या

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मेरठ। जनपद में गंगा घाट पर हर साल कार्तिक पूर्णिमा पर मखदूमपुर में मेले का आयोजन किया जाता है। इस मौके पर दूर-दूर से ट्रैक्टर-ट्राली भरकर लोग गंगा में स्नान करने पहुंचते हैं। लेकिन बीते साल से कार्तिक पूर्णिमा का मेला नहीं लगाया गया था। जिसके चलते इस बार भी मेले का आयोजन नहीं किया जाएगा। इसका मुख्य कारण बिन मौसम आई बाढ़ है। बाढ़ आने के कारण गंगा के किनारे की जमीन दलदली हो गई है। जो खतरनाक है। इसलिए ही जिला पंचायत ने मेला आयोजित करने में असमर्थता जताई है। इसके साथ ही जिला पंचायत अध्यक्ष गौरव चौधरी और अपर मुख्य अधिकारी डा.एस.के गुप्ता ने भी कहा कि मेला आयोजित करने की स्थिति नहीं है।
जिला पंचायत अध्यक्ष ने किया निरीक्षण
बता दें कि कार्तिक पूर्णिमा पर मखदूमपुर में लगने वाला मेला बीते साल कोरोना की वजह से आयोजित नहीं किया गया था। क्योंकि उस समय कोरोना के मरीजों की संख्या में दिन दोगुनी और रात चोगुनी वृद्धि हो रही थी। इसी बीच इस बार भी बाढ़ की वजह से मखदूमपुर में लगने वाले मेले का आयो​जन नहीं किया जाएगा। जिसके चलते बीती शाम जिला पंचायत अध्यक्ष और एमएमए ने मखदूमपुर गंगा घाट पहुंचकर निरीक्षण किया। मौके की स्थिति का जायजा लिया। दोनों ने वहां ट्रैक्टर से गंगा किनारे की स्थिति देखी। गत दिनों आई बाढ़ के कारण जमीन बिल्कुल दलदली हो गई है। जिला पंचायत अध्यक्ष का ट्रैक्टर भी उसमें फंस गया। ट्रैक्टर के फंसते ही जिला पंचायत के अधिकारियों और इंजीनियरों ने मेला लगाने के लिए जगह को असुरक्षित बता दिया। जिसके चलते इस बार भी मेले का आयोजन नहीं किया जाएगा। वहीं इस मौके पर जेई आशीष गुप्ता, अभय सिंह, प्रधान भारत सिंह, सीताराम, रविंद्र शर्मा, सतेंद्र, रणवीर, ब्रजपाल, जसविंद्र, पूरण आदि रहे।
इस बार मेले लगना लोगों के लिए सुरक्षित नहीं
इसके साथ ही जिला पंचायत अध्यक्ष गौरव चौधरी ने बताया कि गंगा के कटान के चलते घाट के लिए भी पर्याप्त जगह नहीं है। मेले की जगह सुरक्षित नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पानी के तेज कटान के चलते रास्ता भी खराब है जिसके चलते श्रद्धालुओं का मेला स्थल तक पहुंच पाना ही खतरे से खाली नहीं है। ऐसी स्थिति में सुरक्षा कारणों से मेले का आयोजन नहीं होगा। वहीं जिला पंचायत एएमए डा.एसके गुप्ता ने कहा कि मखदूमपुर में गंगा किनारे की स्थिति ठीक नहीं है। जिला पंचायत के इंजीनियरों ने निरीक्षण के बाद मेला स्थल को असुरक्षित बताया है।

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