Wednesday, April 24, 2024

रेजिडेंट डॉक्टर आज फिर से हड़ताल पर, AIIMS में जारी रहेंगी सेवाएं

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नई दिल्ली: दिल्ली के लगभग सभी बड़े अस्पतालों- सफदरजंग, जीटीबी, लोकनायक, आरएमएल समेत अन्य अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टर शुक्रवार को हड़ताल पर रहेंगे। इस दौरान आखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में हड़ताल नहीं है लेकिन अन्य अस्पतालों में ओपीडी, इमरजेंसी और कोरोना वार्ड में ड्यूटी देने से रेजिडेंट डॉक्टरों ने साफ इनकार कर दिया है। इसी के साथ ही मरीजों के लिए भी अब इलाज ले पाना काफी परेशानी से भरा हो सकता है।
मरीजों के लिए स्वास्थ्य सेवाएं बरकरार रखने के लिए वरिष्ठ डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई गई है। लेकिन एक हफ्ते पहले हुई हड़ताल के दौरान वरिष्ठ डॉक्टर न ओपीडी में दिखाई दिए थे और न ही इमरजेंसी में मिले। इसके चलते सफदरजंग अस्पताल में एक महिला मरीज की मौत तक हो गई थी।
काउंसलिंग मे देरी के चलते हड़ताल
वहीं गुरुवार को जीटीबी के रेजिडेंट डॉक्टरों ने नीट पीजी काउंसलिंग में देरी के चलते शुक्रवार सुबह 9 बजे से हड़ताल पर जाने की सूचना दी है। अस्पताल प्रबंधन को लिखे पत्र में रेजिडेंट ने साफ तौर पर लिखा है कि वो किसी भी तरह की स्वास्थ्य सेवाओं में हिस्सेदारी नहीं लेंगे। इसके कुछ देर बाद डॉ। राम मनोहर लोहिया अस्पताल, सफदरजंग, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज, मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज और रोहिणी स्थित डॉ। भीमराव आंबेडकर मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टरों ने भी हड़ताल में हिस्सा लेने की घोषणा की है। यहां भी डॉक्टरों ने सभी तरह की चिकित्सीय सेवाओं में मौजूद नहीं रहने की जानकारी दी है।
सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है मामला
नीट पीजी काउंसलिंग को लेकर ये पूरा मामला चल रहा है। मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। कोर्ट की ओर से इस मसले की अगली सुनवाई आगामी 6 जनवरी को होनी है। लेकिन डॉक्टरों का विरोध पिछले एक महीने से चल रहा है। पिछले 6 दिसंबर को जब दिल्ली के अस्पतालों में हड़ताल शुरु हुई तो केंद्रीय स्वास्थय मंत्रालय ने अपने वकील के जरिए कोर्ट में सुनवाई को प्राथमिकता देन की अपील करते हुए डॉक्टरों से कुछ दिन का समय मांगा था।
9 दिसंबर को डॉक्टरों ने स्थगित की थी हड़ताल
नौ दिसंबर को डॉक्टरों ने एक सप्ताह के लिए हड़ताल स्थगित भी की लेकिन बीते बुधवार फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने देर रात बयान जारी कर कहा कि 17 दिसंबर से वो अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा रहे हैं। देश के अलग-अलग राज्यों में मौजूद रेजिडेंट डॉक्टरों से सहयोग भी मांगा है।

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