Wednesday, March 12, 2025

भगवान शंकर आश्रम में नेत्र परीक्षण एवं चिकित्सा शिविर में 70 लोगों का हुआ इलाज 

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मसूरी (देहरादून)। देवभूमि उत्तराखंड में अवस्थित आर्यम इंटरनेशनल फाउंडेशन के तत्वावधान में संचालित भगवान शंकर आश्रम द्वारा फाल्गुन शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को निःशुल्क नेत्र परीक्षण एवं चिकित्सा शिविर लगाया गया। मसूरी क्षेत्र के लगभग 70 लोगों ने इस सेवा शिविर में भाग लेकर लाभ अर्जित किया। संपूर्ण कार्यक्रम गुरुदेव श्री आर्यम के सानिध्य में संपन्न हुआ।
ट्रस्ट के मुख्य अधिष्ठाता एवं आश्रम के कुल प्रमुख परम प्रज्ञ जगदगुरु प्रोफेसर पुष्पेन्द्र कुमार आर्यम जी महाराज के नेतृत्व ने इस आयोजन को सफल बनाया। ट्रस्ट की अधिशासी प्रवक्ता माँ यामिनी श्री जी ने बताया गुरुदेव के अनुसार ईश्वर की बनाई इस धरा को देख पाना मानव जीवन के महत्वपूर्ण सुखों में से एक है। सैकड़ों की तादाद में ऐसे लोग हैं जो इस सुख से पूर्ण या अपूर्ण रूप से वंचित हैं। आर्यम जी महाराज के दृष्टिकोण में सदा से ही मानव जीवन की सेवा का भाव रहा है। उनकी दया दृष्टि के कारण ही ये निःशुल्क नेत्र परीक्षण संभव हो सका। सेवा शिविर में पहुंचे लोगों की आयु दस वर्ष से लेकर सौ वर्ष तक थी। मसूरी में अवस्थित निर्जन और बेसहारा लोगों की सहायता आश्रम स्थापना के दिन से करता आ रहा है। जीवन में यदि संभव हो तो सेवा सहयोग से पीछे ना हटो, इसी के चलते ट्रस्ट द्वारा भंडारा कार्ड योजना, मेरा पौधा मेरा जीवन जैसे अभियान गतिमान है।
गुरुदेव का कहना है कि शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग नेत्र हैं, जो उसे इस खूबसूरत दुनिया में अपने प्रिय जनों को देखने में सहायक होते हैं।
गुरुदेव के इस शिविर को देख बहुत से आगंतुकों ने कहा इस शिविर से यह बात साबित होती है कि गुरु न केवल ईश्वर से मिलने का अध्यात्मिक मार्ग देखते है बल्कि हमारी ज़िंदगी में रोशनी भी लाते हैं।
इस शिविर में भाग लेने वाले लोग आर्थिक रूप से विपन, शारीरिक रूप से अक्षम थे। इस शिविर में ऐसे व्यक्ति भी थे जिनको उनके बच्चे अकेले छोड़ चले गए, अब उनको भंडारा कार्ड योजना के अंतर्गत राशन तो मिल जाता है, लेकिन बनाए कैसें, कभी हाथ जल जाता है, ना अपने काम को ठीक से कर पाते हैं।आने वाले अनेक लोग अपने घर में अकेले है, जिससे अपनी देखभाल वो ख़ुद कैसे करे। ऐसे व्यक्तियों की समस्या सुन गुरुदेव ने देहरादून के एक अच्छे नेत्र विशेषज्ञ शिव ऑप्टिकल से बात की जिससे ना केवल उनका नेत्र परीक्षण हो पाया बल्कि चश्मा भी बनवाकर निःशुल्क आश्रम द्वारा सबको दिया जाएगा।
देहरादून से डा.शशिकांत ठाकुर, डा.गौरव, डा.शिवम ठाकुर, डा.कनुप्रिया ठाकुर, डा.निशा ठाकुर, डा.अभिषेक ठाकुर ने आकर चिकित्सा कार्य किया। साथ ही सभी के भोजन प्रसादम (भंडारा) की व्यवस्था भी आश्रम द्वारा की गई थी।
इस आयोजन को सफल बनाने सुनील कुमार आर्य, राकेश रघुवंशी, संध्या रघुवंशी, रमन सिंह, श्वेता जायसवाल, भव्या सिंह, हर्षिता आर्यम आदि का सहयोग रहा।