- एसटीपी प्लांट संबंधित फाइल लेकर नहीं पहुंचे, बागपत अधिशासी अधिकारी की जिलाधिकारी ने लगाई क्लास
- नालों के प्रदूषित जल को सीवेज ट्रीटमेन्ट प्लान्ट पर पहुँचाकर एस.बी.आर. प्रक्रिया द्वारा किया जा रहा है शोधित
बागपत: जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने आज 24.24 करोड़ रुपए की धनराशि से निर्मित बागपत में 14 एम०एल०डी० एसटीपी प्लांट परियोजना का निरीक्षण किया और संबंधित कार्यदाई संस्था को आवश्यक निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने अधिशासी अधिकारी से एसटीपी प्लांट में जमीन के संबंध में जानकारी ली जिसकी जानकारी नहीं दे पाए जिस पर जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त की और उन्हें कार्यशैली में सुधार करने के निर्देश दिए।
जनपद बागपत में नगर बागपत के 04 प्रमुख नाले क्रमशः
1. आफिसर्स कॉलोनी के पास
2. सालीग्राम मन्दिर के पास
3. एकता कॉलोनी के पास
4. मिर्धानपुरा मौहल्ला में
राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के माध्यम से नमामि गंगे कार्यक्रम के अन्तर्गत उक्त नालों द्वारा प्रवाहित प्रदूषित जल के कारण यमुना नदी में होने वाले जल प्रदूषण को रोकने हेतु आई.एण्ड डी. के साथ 14 एम.एल.डी. एस.टी.पी.योजना स्वीकृत हुई थी उक्त परियोजना की क्षमता का निर्धारण आगामी 15 वर्षो यथा 2036 तक बागपत नगर में होने वाले सीवरेज जनरेशन के आंगणन को ध्यान में रखकर किया गया है। परियोजना के कार्यों की अनुबन्धित लागत रू० 24.24 करोड (जीएसटी रहित) तथा 15 वर्षों के अनुरक्षण एवं रखरखाव हेतु रू0 36.42 करोड़ है।
परियोजना के निर्माण कार्य माह दिसम्बर 2022 में पूर्ण कर माह जनवरी, 2023 से अधिशासी अभियन्ता यांत्रिक खण्ड उ.प्र. जल निगम (ग्रामीण) मेरठ की देखरेख में अनुबन्धित फर्म द्वारा 15 वर्ष के अनुरक्षण एवं संचालन के अन्तर्गत संचालन में है। परियोजना से बागपत नगर के उक्त नालों के प्रदूषित जल को सीवेज ट्रीटमेन्ट प्लान्ट पर पहुँचाकर एस०बी०आर० प्रक्रिया द्वारा शोधित किया जा रहा है तथा शोधन उपरान्त प्रदुषण स्तर मानकानुसार बी.ओ.डी.-10 मिग्रा./ली., सी.ओ.डी.-150 मिग्रा./ली. तथा टी.एस.एस.-520 मिग्रा./ली. आ रहा है। उक्त शोधित जल को शोधन उपरान्त यमुना नदी में प्रवाहित किया जा रहा है।
इस अवसर पर अधिशासी अभियंता जल निगम मूलचंद सहायक अभियंता माधव मुकुंद उपस्थित रहे।