- विरासत में नाम दर्ज कराए जाने के लिए जिलाधिकारी ने चलाया विशेष अभियान
- 16 साल बाद विरासत की खतौनी पाकर महिला हुई खुश, जिलाधिकारी का जताया आभार
बागपत: उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य कार्यक्रम निर्विवाद विरासत खतौनी दर्ज अभियान कार्यक्रम के अंतर्गत जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने 9 जून 2023 को खेडकी गांव पहुंचकर खतौनी रजिस्टर का सत्यापन किया गया था, जिसमें 85 मृतकों के परिजनों के विरासत के आधार पर नाम खतौनी में दर्ज नहीं होने पर जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त की। जिसमे संबंधित लेखपाल की लापरवाही को देखते हुए लेखपाल के खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश दिए थे। जिसकी तहत एसडीएम बागपत द्वारा लेखपाल मोहित तोमर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था और उसी क्रम में आज जिलाधिकारी ने 3 दिन बाद आज पुनः बागपत तहसील क्षेत्र के गांव खेड़की में पहुंचकर 63 लोगों को खतौनी वितरित की। जिसमें सबसे पुराना मामला 2007 का खाता सख्या 3 ,मृतक गजपाल पुत्र जीत सिंह का था, जिन्हें 16 साल तक उनके वारिसान का नाम नही चढ़ सका। आज जब गजपाल की पत्नी राजेश को जिलाधिकारी ने अपने हाथों से खतौनी दी और उन्होंने अपना नाम खतौनी में 16 साल बाद दर्ज हुआ देखा तो वह अत्यंत प्रसन्न हुई और उन्होंने जिलाधिकारी का आभार व्यक्त किया।
जिलाधिकारी के राजस्व विभाग की टीम को सख्त निर्देश है कि निर्विवाद स्थिति में मृतक के परिजन का नाम खतौनी में 13 दिन के अंदर दर्ज हो जाना चाहिए, जिससे कि किसी को खतौनी का नाम चढ़ाए जाने के लिए परेशान नहीं होना पड़े। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि लेखपाल गांव में पैनी नजर बनाए रखें जिसका जो मामला है उसे त्वरित गति से नियम संगत दर्ज करें। जिससे कि आम जनमानस को समस्या ना हो और तहसील के अधिकारी अच्छा सुपर विजन करते रहें।
इस अवसर पर एसडीएम बागपत पूजा चौधरी, तहसीलदार प्रसून कश्यप, कृषि उपनिदेशक प्रशांत कुमार यादव, जिला कृषि अधिकारी बाल गोविंद यादव सहित आदि उपस्थित रहे।