Friday, January 24, 2025

किरेन रिजिजू से छिना कानून मंत्रालय, अर्जुन मेघवाल को जिम्मेदारी

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नई दिल्ली: मोदी कैबिनेट में बड़ा बदलाव हुआ है। किरेन रिजिजू को कानून मंत्री पद से हटा दिया गया है। उनकी जगह अर्जुन राम मेघवाल को कानून मंत्री बनाया गया है। किरेन रिजिजू बतौर केंद्रीय कानून मंत्री लगातार चर्चा में रहे और उन्होंने पिछले दिनों न्यायपालिका और सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम व्यवस्था पर सवाल खड़े किए थे।
पीएम नरेंद्र मोदी की सलाह पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंत्रिमंडल में बदलाव को मंजूरी दी है। अब किरेन रिजिजू को कानून मंत्रालय से बदलकर भू विज्ञान मंत्रालय दिया गया। वहीं, रिजिजू की जगह अर्जुन राम मेघवाल को उनके मौजूदा पोर्टफोलियो के अलावा कानून और न्याय मंत्रालय में राज्य मंत्री के रूप में स्वतंत्र प्रभार सौंपा गया है।
मंत्रालय बदलने पर क्या बोले रिजिजू
किरेन रिजिजू ने ट्वीट कर कहा, ”माननीय पीएम मोदी के मार्गदर्शन में केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री के रूप में सेवा करना सौभाग्य रहा। मैं सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, सुप्रीम कोर्ट के सभी जजों, हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस और सभी लॉ अधिकारियों को हमारे नागरिकों के लिए कानूनी सेवाएं प्रदान करने में भारी समर्थन के लिए धन्यवाद देता हूं। मैं पीएम मोदी के दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए तत्पर हूं। एक बीजेपी कार्यकर्ता के रूप में मैंने जिस उत्साह और जोश के साथ काम किया था, वैसे ही भू विज्ञान मंत्रालय में जिम्मा संभालूंगा।
2021 में कानून मंत्री बने थे रिजिजू
रिजिजू अरुणाचल पश्चिम लोकसभा सीट से सांसद बीजेपी सांसद हैं। किरन रिजिजू का जन्म 19 नवंबर, 1971 को अरुणाचल प्रदेश के वेस्ट कामेंग जिले में हुआ था। उनके पास दिल्ली यूनिवर्सिटी से कानून की डिग्री है। उन्होंने 2004 में पहली बार लोकसभा चुनाव (अरुणाचल पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र) लड़ा और जीत हासिल की। लेकिन वह 2009 के लोकसभा चुनाव में हार गए। 2014 के चुनाव में रिजिजू ने फिर से जीत हासिल की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में गृह राज्य मंत्री बनाए गए।
इसके बाद वे मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल यानी 2019 में खेल मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाए गए थे। जुलाई 2021 में जब कैबिनेट विस्तार के दौरान उन्हें कानून मंत्री बनाया गया था। उन्होंने रविशंकर प्रसाद की जगह यह जिम्मेदारी दी गई।
कौन हैं अर्जुन राम मेघवाल
अर्जुन राम मेघवाल 2009 से बीकानेर से सांसद हैं। मेघवाल का जन्म बीकानेर के किस्मिदेसर गांव में हुआ। उन्होंने बीकानेर के डूंगर कॉलेज से बीए और एलएलबी की। इसके बाद उन्होंने इसी कॉलेज से मास्टर्स डिग्री (एम.ए) की। इसके बाद, फिलीपींस विश्वविद्यालय से एमबीए भी किया। वह राजस्थान कैडर के एक आईएएस अधिकारी रहे हैं और उन्हें राजस्थान में अनुसूचित जाति के चेहरे के रूप में देखा जाता है।
मेघवाल 2009, 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में बीकानेर से बीजेपी के टिकट पर सांसद चुने गए। उन्हें 2013 में सर्वश्रेष्ठ सांसद के पुरस्कार से नवाजा गया था। अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान, वह लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी के मुख्य सचेतक थे। मई 2019 में, मेघवाल संसदीय मामलों और भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम राज्य मंत्री बने थे। अब उन्हें कानून मंत्रालय का भी प्रभार दिया गया है।
न्यायपालिका पर टिप्पणी को लेकर चर्चा में थे रिजिजू
किरेन रिजिजू पिछले कुछ वक्त से लगातार न्यायपालिका पर टिप्पणी को लेकर चर्चा में थे। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम व्यवस्था पर सवाल खड़े किए थे। रिजिजू ने पिछले साल नंवबर में कहा था कि जजों की नियुक्ति का कॉलेजियम सिस्टम संविधान के लिए एलियन है। उन्होंने कहा था कि कॉलेजियम सिस्टम में कई खामियां हैं और लोग इसके खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। बाद में उन्होंने कहा था कि रिटायर्ड जज और ऐक्टिविस्ट भारत विरोधी गिरोह का हिस्सा हैं।
पिछले साल नवंबर में सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच ने रिजिजू की टिप्पणियों पर नाराजगी भी जताई थी। बेंच ने कहा था कि शायद सरकार जजों की नियुक्ति को इसलिए मंजूरी नहीं दे रही क्योंकि एनजेएसी को मंजूरी नहीं दी गई। रिजिजू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की टिप्पणियों के खिलाफ जनहित याचिका भी दाखिल की गई थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने दो दिन पहले ही इसे खारिज कर दिया था।