आरक्षित महिला कोच के साथ रैपिडएक्स सुनिश्चित करेगा महिलाओं के लिए सुरक्षित और आरामदायक यात्रा

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  • दिल्ली से मेरठ की दिशा में आगे से दूसरा कोच होगा महिलाओ के लिए आरक्षित

मेरठ: भारत की प्रथम रीजनल रेल, रैपिडएक्स में प्रत्येक ट्रेन में एक कोच महिलाओ के लिए आरक्षित होगा। महिलाओं के लिए सुरक्षित और आरामदायक यात्रा सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली से मेरठ की दिशा में आगे से दूसरा कोच महिलाओं के लिए आरक्षित होगा। दिल्ली से मेरठ की की दिशा में ट्रेन का दूसरा कोच यानी प्रीमियम कोच के ठीक बाद वाला कोच महिला कोच होगा, जबकि मेरठ से दिल्ली की दिशा में आते हुए यह ट्रेन की आखिरी से दूसरा कोच, यानी प्रीमियम कोच से ठीक पहले वाला कोच होगा। महिला कोच की पहचान सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक स्टेशन के प्लेटफार्म पर और ट्रेन के दरवाजों के खुलने के स्थान पर साइन या संकेतक लगाए गए हैं। इस आरक्षित महिला कोच में 72 लोगों के बैठने की क्षमता होगी। इसके साथ ही, ट्रेन के अन्य डिब्बों में भी महिलाओं के लिए 10 अतिरिक्त सीटें आरक्षित की गयी हैं।
एनसीआरटीसी प्रारम्भ से ही रैपिडएक्स के माध्यम से महिलाओं के लिए सुरक्षित और सुगम यात्रा सुनिश्चित करने के लिए अथक प्रयास कर रहा है। आरक्षित महिला कोच का प्रावधान इसी दिशा में लिया गया एक कदम है। छोटे बच्चों के साथ यात्रा कर रहे महिलाओ की सुविधा का ख़ास ख्याल रखते हुए, हर उस स्टेशन पर जिसे अन्य सार्वजनिक परिवहन साधनों के साथ एकीकृत किया गया है, वहाँ पर डायपर- चेंजिंग स्टेशन का प्रावधान भी किया गया है। प्रत्येक रैपिडएक्स ट्रेन में एक ट्रेन अटेंडेंट की नियुक्ति भी की जाएगी जो यात्रियों को ट्रेन में उपलब्ध सुविधाओं से परिचित कराने और उनकी सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह ट्रेन अटेंडेंट प्रीमियम कोच में तैनात रहेगा और आवश्यकतानुसार जरूरतमंद यात्रियों की सहायता करेगा। एनसीआरटीसी का प्रयास है कि महिलाएँ अपनी यात्रा के दौरान सुरक्षित महसूस करें, चाहे वे अकेले यात्रा कर रही हों या किसी के साथ। इसे सुनिश्चित करने के लिए स्टेशन परिसर और उसके आसपास चौबीसों घंटे निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। साथ ही स्टेशन परिसर और उसके आसपास विभिन्न गतिविधियों पर नज़र रखने और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है।
प्रत्येक स्टेशन पर प्लेटफार्म स्क्रीन डोर्स (पीएसडी), ट्रेन में व्हीलचेयर/स्ट्रेचर के लिए आरक्षित स्थान और प्रत्येक स्टेशन पर स्ट्रेचर लाने-ले जाने के लिए लिफ्ट यात्रियों की सुविधा के लिए एनसीआरटीसी द्वारा किए गए विभिन्न उपायों में से कुछ हैं। साथ ही, एलईडी लाइट से प्रकाशित पैदल यात्री-अनुकूल पथ, लिफ्ट/एस्कलेटर, यात्रियों के लिए बैठने की जगह और अन्य यात्री-केंद्रित सुविधाएं स्टेशनों पर सार्वभौमिक पहुंच की सुविधा प्रदान करेंगी। यात्रियों के लिए यात्रा को सुरक्षित और विश्वसनीय बनाने के लिए स्टेशनों पर डेडिकेटेड स्टेशन पिक-अप और ड्रॉप क्षेत्र बनाए गए हैं। रैपिडएक्स स्टेशनों तक और वहाँ से यात्रियों के गंतव्य तक उनकी यात्रा को सुगम बनाने के लिए एनसीआरटीसी ने कई फर्स्ट/लास्ट कोन्नेक्तिविटी प्रदाताओं के साथ करार किया है। एनसीआर के निवासियों के बाहर आने-जाने के अधिकांश निर्णय यातायात के साधनों के सुरक्षित होने पर निर्भर रहा है। साथ ही परिवहन के उचित साधनों की कमी भी इन्हें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में होने के बावजूद उपलब्ध अवसरों और सुविधाओं से वंचित कर देती है। इसका खामियाजा विशेषकर महिलाओं को भुगतना पड़ता है। इन महिला-उन्मुख सुविधाओं की उपलब्धता से महिलाओं की प्रगति और सशक्तिकरण में मदद मिलेगी।
रैपिडएक्स को महिलाओं सहित समाज के सभी वर्गों की अलग-अलग जरूरतों को पूरा करने के लिए डिजाइन किया गया है। एनसीआरटीसी ने रैपिडएक्स को एक समावेशी सार्वजनिक परिवहन प्रणाली बनाने पर ध्यान केंद्रित किया है। यह महिलाओं के लिए गेम-चेंजर साबित होगा कि यह उन्हें रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और आर्थिक अवसरों तक बेहतर पहुंच प्रदान करने के माध्यम से सशक्त बनाएगा और निर्बाध और तेज कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। एनसीआरटीसी का लक्ष्य है कि 2025 तक पूरे 82 किलोमीटर लंबे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ को जनता के लिए परिचालित कर दिया जाए। इससे पहले, जल्द ही इसे साहिबाबाद और दुहाई के बीच 17 किलोमीटर लंबे प्राथमिकता खंड पर परिचालित कर दिया जाएगा

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