मसूरी (देहरादून)। देवभूमि उत्तराखंड में अवस्थित आर्यम इंटरनेशनल फाउंडेशन के तत्वावधान में संचालित भगवान शंकर आश्रम द्वारा हिन्दू नव वर्ष के प्रथम दिवस एवं चैत्र नवरात्र की प्रतिपदा पर ज़रूरतमंदों को निःशुल्क चश्में बाँटे गए। आश्रम में आयोजित नेत्र चिकित्सा शिविर के अंतर्गत इस प्रकल्प को चलाया गया। संपूर्ण कार्यक्रम गुरुदेव श्री आर्यम के सानिध्य में संपन्न हुआ।
आर्यम जी महाराज ने स्पष्ट किया कि नेत्र ज्योति हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण आयाम है। आँखों के कारण ही हम ईश्वर की बनाई इस धरा के सभी रंगों को अनुभव कर सकते हैं। दृष्टि दोष होने से न केवल शारीरिक दर्द होता है बल्कि मानसिक ठेस भी पहुंचती है। हमारे समाज में ऐसे कई निर्धन लोग हैं जिनकी दृष्टि में कुछ दोष है। इसी के चलते आश्रम में 9 मार्च ‘ 2025 को हुए नेत्र परीक्षण के अंतर्गत 70 लोगों का परीक्षण किया गया था उसी क्रम में आज कुल प्रमुख परम प्रज्ञ जगदगुरु प्रोफेसर पुष्पेन्द्र कुमार आर्यम जी महाराज के नेतृत्व में मसूरी क्षेत्र के 46 लोगों को चश्में बाँटे गए।लाभार्थी वंचित और निर्धन लोगों ने आश्रम द्वारा की गई इस निःशुल्क सेवा की भूरि भूरि प्रशंसा की।
चैत्र नवरात्र की प्रतिपदा पर पुण्य के कार्य करने से जीवन में परमात्मिक ऊर्जाओं का आगमन होता है। गुरुदेव श्री आर्यम का कथन है कि नवरात्र में हम दैवीय शक्ति का संयोजन करते हैं। यह संयोजन श्रेष्ठ कर्म करने से भी फलीभूत होता है। जीवन में किसी की दृष्टि को सुधारने का कार्य सर्वोत्तम है। इससे समाज के नीचे के तबके को प्रेरणा एवं कुछ करने का साहस मिलता है। अंततः समस्त मानव जाति का कल्याण होता है।
ट्रस्ट की अधिशासी प्रवक्ता माँ यामिनी श्री ने बताया कि आश्रम की स्थापना के प्रथम दिवस से ही श्री आर्यम गुरुदेव मसूरी वासियों की सेवा में रत हैं। प्रकृति के संरक्षण हेतु ‘मेरा पौधा मेरा जीवन मेरे संग (2016)’ अभियान; बेसहारा लोगों के लिए फ्री राशन वितरण भंडारा कार्ड योजना (2020) अद्यतन है।
इस आयोजन को सफल बनाने सुनील कुमार आर्य, राकेश रघुवंशी, संध्या रघुवंशी, रमन सिंह, अविनाश जायसवाल, हर्षिता आर्यम आदि का सहयोग रहा।
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