जिलाधिकारी ने जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक की

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  • सीएचसी पर एसीएमओ को नोडल अधिकारी बनाये
  • स्वास्थ्य सेवाओं में ना मिले कोई शिकायत
  • सेवाएं बेहतर करने के दिए आवश्यक निर्देश
  • स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत संविदा/ आउटसोर्सिंग कार्मिकों की जिलाधिकारी ने मांगी सूची, कार्य न करने वालों को किया जाए बाहर

बागपत: जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने आज विकास भवन सभागार में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत जिला स्वास्थ्य समिति की जुलाई माह की बैठक की, जिसमें जिलाधिकारी द्वारा पूर्व की बैठकों में दिए गए निर्देशों का भी अनुपालन नहीं कर पा रहा स्वास्थ्य विभाग और नाही कार्यक्रमों का अच्छे से डाटा का प्रस्तुतीकरण कर पा रहा, जिस पर जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को कार्य को गुणवत्ता के साथ मन से करने के आवश्यक दिशा निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने कहा चिकित्सक अपना कार्य सेवा भाव के साथ और अच्छा करें, उन्होंने कहा हमारी प्राथमिकता जनपद में बेहतर स्वास्थ्य देना है। रोस्टर के अनुसार ड्यूटी करें जिसकी ड्यूटी बोर्ड पर भी ड्यूटी डिस्प्ले हो। कार्य न करने वाले चिकित्सकों को चिन्हित किया जाए, संविदा/आउटसोर्सिंग के कर्मचारियों की जिलाधिकारी ने सीएमओ से मांगी सूचना। उन्होंने कहा जो मानदेय ले रहे है उन्हें कार्य करना होगा, जो कार्य नही करेंगे, उन्हें बाहर किया जाए। प्रत्यके सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर 1 एसीएमओ को नोडल अधिकारी बनाया जाए। जनपद में तीन एसीएमओ है, जिनको 2-2 सीएचसी आवंटित किये जाए जो सुबह 8 बजे चेकिंग करें। आर०बी०एस०के० टीम के निरीक्षण के परिणाम आने चाहिए। अच्छे परिणाम नहीं आने पर जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने राष्ट्रीय अंधता निवारण कार्यक्रम में छात्र-छात्रओं को इसका लाभ मिले।
एसीएमओ गजेंद्र सिंह अपने पदेन दायित्वों का निर्वहन नहीं करने पर नाराजगी व्यक्ति और कार्य में सुधार करने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने कहा अस्पतालों में व्यवस्था बेहतर रहनी चाहिए और बेडशीट साफ लगी होनी चाहिए। अस्पताल में साफ-सफाई रहे मरीजों के साथ मधुर व्यवहार किया जाए। जिलाधिकारी ने कहा किसी भी चिकित्सक द्वारा मरीजों को बाहर से दवाई ना लिखी जाए, अगर ऐसे चिकित्सकों की जानकारी मिलती है तो उनके विरुद्ध कठोरतम कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। उन्होंने निर्देश दिए कि जो चिकित्सक बाहर प्रैक्टिस करते पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ वैधानिक कार्यवाही की जाएगी।
जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत जो आशा अच्छा कार्य नही करेंगी, उन्हें चिन्हित किया जाए और उनकी जगह नई आशा ग्राम स्वास्थ्य समित के आधार पर प्रस्ताव कर की जाए।
जिलाधिकारी ने पीसीपीएनडीटी एक्ट का क्रियान्वयन के संबंध में बैठक करते हुए निर्देश दिए कि कहीं भी कन्या भ्रूण हत्या संबंधित, अवैध रूप से कहीं अल्ट्रासाउंड सेंटर ना चले और रैंडम चेकिंग की जाए।
इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी अधिकारी डॉक्टर महावीर, सीएमएस डॉक्टर एस.के.चौधरी, जिला कार्यक्रम अधिकारी विपिन मैत्रय, एसीएमओ डॉक्टर गजेंद्र, डॉक्टर दीपा, डिप्टी सीएमओ डॉक्टर रोबिन, डॉक्टर यशवीर, समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अधीक्षक बागपत डॉक्टर विभाष राजपूत सहित आदि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

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