- निर्माणाधीन गौशालाओं को 15 दिन के अंदर कराया जाए संचालित
- गौशाला में रुचि से कार्य न करने वालों को किया जाएगा चिन्हित
बागपत: जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने आज कलेक्ट्रेट सभागार में 23 अस्थाई, स्थाई गौशालाओं वृह्द गौशाला, कान्हा गौशाला के संबंध में संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बागपत और बड़ौत की जो 2 शहरी क्षेत्र में निर्माणाधीन गौशाला हैं ,इन्हें 15 अगस्त तक संचालित कराए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि जो ठेकेदार गुणवत्ता के साथ और टेंडर की गाइडलाइन के अनुसार कार्य नहीं कर रहे हैं उन्हें ब्लैक लिस्ट कराया जाए।
जिलाधिकारी ने ग्रामीण क्षेत्र की बिजरोल, किरठल, इब्राहिमपुर माजरा, डगरपुर की गौशालाओं को संचालित कराए जाने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने डगरपुर की गौशालाओं को खंड विकास अधिकारी व जिला पंचायत राज अधिकारी को 15 जुलाई तक संचालित कराए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण गौशालाओं को संचालित कराया जाना और उनका देखरेख करने का उत्तर दायित्व मुख्य विकास अधिकारी व शहरी क्षेत्र का अपर जिलाधिकारी का रहेगा। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन दोनों नोडल अधिकारी रिव्यू करेंगे कि कितनी प्रगति गौशालाओं के निर्माण कार्य में और व गोवंश को संरक्षित करने में की जा रही है। उन्होंने कहा सरकार कि मंशा हैं की कोई भी गोवंश सड़कों पर नजर नहीं आना चाहिए। समस्त गोवंश को गौशालाओं में संरक्षित किया जाए। जिलाधिकारी ने जिला पंचायत को कम से कम 2 गौशाला बनाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जो प्रधान गौशालाओं में अपनी उदासीनता प्रदर्शित कर रहे हैं, ऐसे प्रधानों को चिन्हित किया जाए। जिलाधिकारी ने गोवंश के खानपान के लिए प्रतिदिन ₹30 के संबंध में भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि गोवंश को साफ-स्वच्छ स्थान पर रखा जाए और उन्हें हरा-चारा, खल, चोकर आदि दिया जाए। उन्होंने कहा कि गौशाला का कार्य करना एक पुण्य का कार्य भी है।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी एम. एल.व्यास, जिला विकास अधिकारी विद्यानाथ शुक्ला, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डा.रमेश, जिला पंचायत राज अधिकारी अमित त्यागी समस्त खंड विकास अधिकारी आदि उपस्थित रहे।