Friday, January 24, 2025

“एक कदम सुपोषण की ओर अभियान” कार्यक्रम का जिलाधिकारी ने किया शुभारंभ

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  • कुपोषित और अति कुपोषित बच्चों को जिलाधिकारी ने खाद्यान्न सामग्री की वितरित
  • जिलाधिकारी ने एमएनसीयू (मातृ नवजात देखभाल इकाई) का किया निरीक्षण

बागपत: जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने आज बागपत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर “एक कदम सुपोषण की ओर अभियान” कार्यक्रम का शुभारंभ किया। यह अभियान 7 जून 2023 से 6 जुलाई 2023 तक जनपद में चलाया जाएगा। सुपोषण अभियान के माध्यम से, जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने कुपोषित व अति कुपोषित समाया और नायरा नामक बच्चों के लिए खाद्यान्न सामग्री वितरण की। यह सुपोषण अभियान गरीबी रेखा के नीचे आने वाले बच्चों के लिए उपयोगी और पौष्टिक आहार प्रदान करने का लक्ष्य रखता है।
सुपोषण अभियान के तहत जिलाधिकारी ने मिलेट्स, मोटे अनाज के प्रयोग पर विशेष जोर दिया है। मिलेट्स और मोटे अनाज में ऊर्जा, पोषक तत्वों और विटामिन्स की अच्छी मात्रा होती है, जो बच्चों के स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करती है। जिलाधिकारी ने अभियान के महत्व पर प्रकाश डाला, “सुपोषण हमारे समाज के स्वास्थ्य विकास के लिए महत्वपूर्ण है। हमारा लक्ष्य है कि हम बागपत जिले के सभी बच्चों को पौष्टिक आहार प्रदान करें और कुपोषण से निपटने में मदद करें। इस अभियान के माध्यम से, हम गरीबी रेखा के नीचे आने वाले बच्चों को सही पोषण प्रदान करेंगे और उनके स्वास्थ्य को सुधारेंगे।”
यह सुपोषण की ओर अभियान बागपत जिले में एक प्रगतिशील पहल है और इसका शुभारंभ जनपद के स्वास्थ्य और कल्याण में सकारात्मक परिवर्तन का संकेत है। इस अभियान के माध्यम से जनपद की सामाजिक संरचना को सुधारा जा सकेगा और बच्चों के स्वास्थ्य और विकास को बढ़ावा मिलेगा। अभियान के उद्घाटन के बाद, जिलाधिकारी ने संबोधित करके सभी स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों, स्वास्थ्य कर्मियों, सामाजिक संगठनों और सामुदायिक सदस्यों को इस अभियान का समर्थन करने के लिए आह्वान किया है।
“एक कदम सुपोषण की ओर अभियान” बागपत जिले में स्वास्थ्य, पोषण और बच्चों के विकास के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण पहल है। इस अभियान के माध्यम से जनपद के बच्चों को उनके स्वास्थ्य की सुरक्षा और पोषण के महत्व की जागरूकता मिलेगी।जिलाधिकारी ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बागपत में एमएनसीयू (मातृ नवजात देखभाल इकाई) का निरीक्षण किया और वहाँ पर उपलब्ध सेवाओं की जानकारी ली ,जिनमें जिन बच्चों का वजन ढाई किलो से कम होता है उन्हें एमएनसीयू (मातृ नवजात देखभाल इकाई) में बच्चे को माँ के साथ रखकर इलाज किया जाता है और उन्हे एमएनसीयू में ही केएमसी (कंगारू मदर केयर) की विधि द्वारा बच्चे को माँ के साथ रखकर वजन बढ़ाया जाता है और जब तक बच्चे का वजन सामान्य स्तर पर नहीं आता है तब तक उसे मां के साथ ही भर्ती रखा जाता है जिससे कि बच्चों की जीवन रक्षा की जा सके।
इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.दिनेश कुमार, मुख्य विकास अधिकारी एम.एल.व्यास, जिला कार्यक्रम अधिकारी विपिन कुमार मैत्रय, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी सहित आदि उपस्थित रहे।