Monday, April 22, 2024

जीएसटी छापों के विरोध में एडीएम को ज्ञापन सौंपा

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सुनील कुमार यादव, सवांददाता
एटा: उद्योग व्यापार मंडल के पदाधिकारिओं ने एक ज्ञापन सीएम योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश सरकार के नाम एडीएम प्रशासन कों सौंपा। सीएम के नाम सौपे गए ज्ञापन के माध्यम से एटा उद्योग व्यापार मंडल एटा के पाधिकारियो ने मांग की है कि 2 महीने तक चलने वाले जीएसटी के छापों को रोका जाए।
व्यापारी नेता अतुल राठी का कहना है कि जीएसटी विभाग द्वारा आगामी 16 मई से 15 जुलाई तक चलने वाले सर्वे ,छापे आदि के अभियान को व्यापारी एवम व्यापार हित में तत्काल प्रभाव से रोक दिया जाए। इन छापों की आड़ में व्यापारियों के उत्पीड़न की कार्रवाई होती है। उल्लेखनीय है कि समाचार पत्रों में खबरें आ रही हैं कि 2 महीने तक व्यापारियों के ऊपर जीएसटी के जबरदस्त सर्वे और छापे की कार्रवाई होगी। अतुल राठी का कहना है कि व्यापारियों को भय मुक्त रखने के लिए पूर्व में भी मुख्यमंत्री ने जीएसटी के छापों की कार्रवाई पर रोक लगाई थी। व्यापारी नेता राठी का कहना है कि व्यापारी समाज अपने ऊपर अनावश्यक कार्यवाही एवम शोषण आदि के भय से काफी भयभीत है। उन्होंने कहा कि पूर्व में भी जीएसटी विभाग द्वारा सर्वे ,छापे आदि की ऐसी ही कार्यवाही की गई थी जिससे व्यापारी समाज काफी भयभीत हो गया था।
ज्ञापन सौंपने वाले व्यापार मंडल पदाधिकारी एवं व्यापारी सदस्यों में मुख्यरूप से अशोक सर्राफ, कल्लू मियां, प्रदीप गुप्ता, राकेश वार्ष्णेय चिकोरी वाले, राकेश वार्ष्णेय आर.के.ज्वैलर्स, अध्यक्ष अतुल राठी, डेविड जैन, कैलाश जैन, अमित गुप्ता, आदेश कुमार गुप्ता, संजीव कुमार जैन, प्रसून वार्ष्णेय, गणेश वार्ष्णेय, संजीव वार्ष्णेय, प्रवेश मिश्रा, उमेश प्रताप सिंह, चंद्रमोहन वार्ष्णेय, धर्मवीर गहलोत, पंकज गुप्ता, साबिर मियां, विनायक गुप्ता, आनंद सर्राफ, दीपक जैन, राजीव जैन, दीपक वार्ष्णेय, नेवी जैन, गोपाल वार्ष्णेय, पुष्पेंद्र वार्ष्णेय सतीश वार्ष्णेय समेत अन्य पदाधिकारी एवं व्यापारी सदस्य मौजूद रहे।
छापों के नाम पर ठगे जाते फिर भी देते भाजपा को वोट
उत्तर प्रदेश का व्यापारी तबका भारतीय जनता पार्टी का बड़ा वोट बैंक माना जाता है। जब जब भाजपा की सरकार आती है तभी अतिक्रमण और जीएसटी छापा और इनकम टैक्स चोरी के आरोप में व्यापारियों पर बड़े-बड़े छापे पड़ते हैं ।जिनकी आड़ में उनका आर्थिक शोषण होता है। फिर भी व्यापारी वर्ग अधिकतर भारतीय जनता पार्टी को ही वोट करता है। केंद्र और अन्य राज्यों में कांग्रेस की या किसी और दल की सरकार होने पर आमतौर पर व्यापारियों को व्यापार कारोबार करने में सहूलियत मिलती है। फिर भी यह लोग उन दलों को वोट नहीं देते। मालूम हो कि मोदी राजस्व बढ़ाना चाहते हैं क्योंकि चुनावी साल है ज्यादा से ज्यादा जीएसटी और जुर्माना वसूल कर वह कल्याणकारी योजनाओं में खैरात बांट कर अगला चुनाव जीतना चाहते हैं। इसी लिए केंद्र के निर्देश पर भाजपा शासित राज्यों की सरकारों को अधिक से अधिक राजस्व वसूली का लक्ष्य दिया गया है। अधिक से अधिक जीएसटी वसूली कैसे हो इसके लिए व्यापारियों पर जीएसटी के छापे डालने और ज्यादा से ज्यादा जुर्माना वसूलने की तैयारी है।

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