बागपत। ज्ञानदीप पब्लिक स्कूल मवीकला खेकड़ा में शिक्षाविद डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन की पुण्यतिथि पर उन्हें याद किया गया। सभी ने उनके चित्र के सम्मुख पुष्प अर्पित कर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि दी।
इस मौके पर स्कूल के प्रिंसिपल ब्रिजेश शर्मा ने डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जीवन पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि देश के दूसरे राष्ट्रपति डा.सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितम्बर वर्ष 1888 ई को तमिलनाडू के तिरूतानी गांव में हुआ था। इनके पिता का नाम सर्वपल्ली वीरा स्वामी तथा माता का नाम सीतम्मा था। इन्होंने काशी विश्वविद्यालय बनारस से शिक्षक के रूप में अपने कॅरियर की शुरूआत की और उसके बाद देश के राष्ट्रपति पद को सुशोभित किया। डॉ राधाकृष्णन कई विषयों के ज्ञाता, दार्शनिक व शिक्षक भी थे। अध्यापन कार्य करते हुए डॉ सर्वपल्ली राधा कृष्णन कई विश्वविद्यालयों के कुलपति रहे। वर्ष 1949 में सोवियत संघ में भारत के राजदूत बने। 10 वर्ष तक भारत गणराज्य के उपराष्ट्रपति और अन्त में 1962 से 1967 तक भारत गणराज्य के राष्ट्रपति रहे। विनम्रता हमेशा उनका विशिष्ट गुण रहा। शिक्षा के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए वर्ष 1954 में उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया। 17 अप्रैल वर्ष 1975 को चेन्नई में उनका निधन हो गया था। किसी भी देश की सम्यता एवं संस्कृति के संरक्षण व विकास का माध्यम शिक्षा है और इसको आगे बढ़ाने का माध्यम शिक्षक ही है, जो अमूल्य सामाजिक व सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाता है। सभी को राधाकृष्णन के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए।
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