बिनौली: बरनावा के श्री चंद्रप्रभ दिगंबर जैन मंदिर में चल रहे आठ दिवसीय सिद्धचक्र महामंडल विधान में रविवार को श्रद्धालुओं ने भक्तिभाव से 512 अर्ध्य समर्पित किये। विधान में पंडित प्रदीप पीयूष शास्त्री ने कहा कि भक्तों के अंदर भगवान के प्रति श्रद्धा भक्ति यदि आ जाए तो वह भी भगवान की पूजा के बिना तड़पन महसूस करता है। अपने जीवन को पतन के रास्ते पर जाता देख समझता है।
भगवान के भक्तों को हमेशा जल सहित मीन के समान अर्थात सदैव जल में ही मछली होती है। ठीक इसी प्रकार जो जीवन अपने दुखों के दुखों से छूटना चाहता है। अपने कर्मों से अलग होना चाहता तो वह अपने आप को भगवान की भक्ति में डुबोकर रखें। भगवान रूपी शीतल जल ही इस जीवन रूपी मछली की सुरक्षा कर सकती है। विधान में गीता जैन, रजनीश जैन, राजीव जैन, संभव जैन, उज्ववल जैन, बादामी जैन, कृष्णा देवी, सरिता जैन, पूनम जैन आदि मौजूद रहे।
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