नशा व टेंशन इंसान को उभरने नहीं देता: गुरमीत राम रहीम

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हमारा मकसद लोगों का नशा छुड़वाकर देश को नशा मुक्त बनाना है

ब्यूरो चीफ, विकास बड़गुर्जर 

बिनौली: डेरा प्रमुख डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह ने शनिवार को शाह सतनाम आश्रम बरनावा में आनलाइन लाइव गुरुकुल के माध्यम से रूहानी सत्संग किया। उन्होंने नशे में डूबती जवानी पर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि आज युवा नशे में डूबकर बर्बादी की ओर जा रहे हैं। अपने देश के बच्चे ओलंपिक में पदक जीतकर पूरे विश्व में नाम रोशन कर रहे हैं। नशे के चलते जवानी और तंदुरुस्ती दोनों खत्म हो रही हैं। इंसान नशे में डूब कर टेंशन में पड़ जाता है और टेंशन उसे उभरने नहीं देती। इसलिए कभी भी किसी को नशा नहीं करना चाहिए। पूज्य गुरु जी ने कहा कि धर्म कहते है कि भगवान से सदा स्वस्थ काया मांगनी चाहिए। लेकिन इंसान ने तो भगवान को अलग कर रखा है और नशा करके अपनी काया को आग लगाए हुए है। पूज्य गुुरु जी ने कहा कि नशा करने से खुशी तब तक आती है जब तक शरीर चल रहा है, जब शरीर चलना बंद हो जाता है तो सब खुशियां बंद हो जाती हैं। पूज्य गुरु जी ने युवाओं से आह्वान किया कि कभी भी कोई नशा न करें। क्योंकि नशा उन्हें बर्बाद कर देगा।
गुरुमंत्र ही एक दवाई जो नशा छुड़वा सकती है
गुरमीत राम रहीम ने कहा कि गुरुमंत्र ही एक ऐसी दवाई है जो नशे को छुड़वा देती है। हमारा मकसद लोगों का नशा छुड़वाकर अपने शिष्यों की संख्या बढ़ाना नहीं है। बल्कि हम तो सिर्फ फकीर बनकर और चौकीदार बनकर ही लोगों की सेवा करते रहनी है और देश को नशा मुक्त बनाना है। पूज्य गुरु जी ने कहा कि लोगों की बुराइयां छुड़ाने के लिए ही सत्संग करते हैं और लोगों को समझाते हैं। अपने शरीर से प्यारी कोई चीज नहीं हो सकती, क्योंकि अगर शरीर तंदुरुस्त होता है तो पतझड़ में भी बहार नजर आती है और अगर शरीर बीमार पड़ गया तो बहार में भी पतझड़ लगने लगती है।

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