श्रेष्ठ कर्म और आचरण करने वाला मनुष्य: राधारमन

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  • बिनौली गांव में भागवत कथा का तीसरा दिन

बिनौली: गांव के शिव मंदिर में चल रही श्रीमद भागवत कथा के तीसरे दिन बुधवार को कथावाचक आचार्य राधारमन महाराज ने कहाकि, क्या सभी को मनुष्य भी कहा जा सकता है, या उनमे से अधिकांश दो पेर वाले मनुष्य जैसे दिखने वाले जानवर भी मिल सकते है। इस संसार मे राम भी मनुष्य के रूप मे दिखलाई पड़ते है तो रावण भी मनुष्य के रूप मे दिखलाई पड़ता है, श्री कृष्ण भी मनुष्य के रूप मे दिखलाई पड़ते है तो कंस भी मनुष्य के रूप मे दिखालाई पड़ता है, युधिष्ठिर भी मनुष्य के रूप मे दिखालाई पड़ते ही तो दुर्योधन भी मनुष्य के रूप मे दिखलाई पड़ता है, बुद्ध महावीर नानक हिटलर माओ, मुसोलिनी लेनिन आदि भी मनुष्य के रूप मे दिखलाई पड़ते है। आचार्य राधा रमन महाराज ने कहा की मनुष्य किसे कहते हैं? मनुष्य उसी को कहना जो मननशील होकर अपनी आत्मा के समान अन्यों के सुख-दुख और हानि-लाभ को समझे। अन्यायकारी बलवान से न डरे और धर्मात्मा निर्बल से भी डरता रहे। इतना ही नहीं किन्तु अपने सर्व सामर्थ्य से धर्मात्माओं- कि चाहे वे महाअनाथ, निर्बल क्यों न हों- उनकी रक्षा, उन्नति, प्रियाचरण और अधर्मी चाहे चक्रवर्ती महाबलवान और गुणवान भी हो तथापि उसका नाश, अवनति और अप्रियाचरण सदा किया करे अर्थात् जहां तक हो सके वहां तक अन्यायकारियों के बल की हानि और न्यायकारियों के बल की उन्नति सर्वदा किया करें। इस काम में चाहे कितना ही दारुण दु:ख प्राप्त हो, चाहे प्राण भी भले ही जावें परन्तु इस मनुष्य रुप धर्म से पृथक कभी न होवे।

शिव मंदिर में चल रही श्रीमद भागवत कथा के तीसरे दिन गीता का ज्ञान लेते भक्त

अर्थात दूसरे शब्दो मे “दूसरे के साथ वही व्यवहार करो जो अपने लिये भी पसंद आये”। आचार्य राधा रमन महाराजा ने कहा आज के संसार मे ज्यादातर व्यक्ति मनुष्य होने का ढोंग करते है, केवल उनमे से एक व्यक्ति को सद्गुणो के कारण मनुष्य कहा जा सकता है। इस लिये हम कहना चाहेंगे की सभी मनुष्य दिखलाई देने वालो पर कदापि विश्वास मत कीजिये उसको जानिये, उसको परखिये, जिनके पास मानवता के गुण हो उनको ही सिर्फ मनुष्य कहिये।
मंदिर जाने वाले,नमाज़ पढने वाले चर्च जाने वाले, गुरुद्वारा जाने वाले, किसी भी तरह के उपवास करने वाले किसी भी तरह के ईश्वर को मानने वाले भाषन देने वाले लेखक् होने वालो आदि को मनुष्य समझने की भूल मत कीजिये ऐसे पाखंडियो की भीड़ संन्सार मे बहुत है। दूसरो को उपदेश देने वाले भी बहुत मिल जायेंगे उसका आचरण कैसा है, उसको जरूर देखिये, जानिये, उसको परखिये, जब बहुत अच्छा महसूस हो तब उसको मनुष्य कहने का सहास कीजिये।
इस अवसर पर उपेंद्र प्रधान, लीलू चौहान, सुरेश शर्मा, महेश धामा, प्रदीप शर्मा, नकुल शर्मा, पीयूष जैन, सुमन शर्मा, एकता शर्मा, राजकुमारी, मुनेश बरवाला,मोनू वर्मा, सत्यप्रकाश वर्मा, कुलवीर धामा, विनीत धामा, सुधांशु जैन आदि मौजूद रहे।

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