बिनौली गांव में भागवत कथा का दूसरा दिन
ब्यूरो चीफ, विकास बड़गुर्जर
बिनौली: गांव के शिव मंदिर में चल रही श्रीमद भागवत कथा के दूसरे दिन मंगलवार को कथावाचक आचार्य राधारमन महाराज ने कहा कि भागवत कथा सभी का कल्याण करने वाली है। भागवत कथा जीने की कला सिखाती है।
आचार्य राधारमण ने कहा कि धन को पवित्र कार्यों में लगाकर उसका सदुपयोग करें। पापी व्यक्ति भी भागवत कथा के रसपान से मोक्ष की प्राप्ति करता है। मन को भटकने से बचाने के लिए हमेशा भागवत चर्चा में लीन रहना चाहिए। जीवन में हमें तीन प्रकार की दुख प्राप्त होते हैं। पहला दुख परिवार से प्राप्त होता है, दूसरा दुख सगे संबंधियों व संपर्क के व्यक्तियों से होता है। तीसरा दुख दैवीय आपदा से मिलता है। हम सभी सुख चाहते हैं। दुख कोई नहीं चाहता। हमें पुरुषार्थ करने की जरूरत है। वह भी धर्म के अनुरूप करना पड़ेगा। हमारे कर्म के अनुसार ही हमें सुख दुख प्राप्त होता है। उन्होंने कहा परमात्मा को पाने का यदि इस धरा धाम पर कोई साधन है तो केवल भगवान की सच्ची भक्ति है। भगवान की भक्ति करते हुए जीवन मे धीरे धीरे सात्विक पन आता जाता है, और मनुष्य उस पथ का पथिक बन जाता है जो कि समाज को एक आदर्श पुरुष के रूप में जीवन को व्यतीत करता है। और उस के इस गुण की वजह से वह दूसरो को भी इस मार्ग पर ले आता है। यही भागवत जीवन को सही तरीके से जीने का सबसे सरलतम उपाय है। भागवत कथा हमें जीने की कला को सिखाती है। इस अवसर पर उपेंद्र प्रधान, लीलू चौहान, सुरेश शर्मा, महेश धामा, प्रदीप शर्मा, नकुल शर्मा, पीयूष जैन, सुमन शर्मा, एकता शर्मा, राजकुमारी, मुनेश बरवाला,मोनू वर्मा, सत्यप्रकाश वर्मा, कुलवीर धामा, विनीत धामा, सुधांशु जैन सोराज धामा आदि मौजूद रहे।