ब्यूरो चीफ, विकास बड़गुर्जर
बागपत: गुमनाम शहीद एवं गुमनाम स्वतंत्रता सेनानी स्मृति न्यास के अध्यक्ष व क्रांतिकारी वंशज प्रदीप बली के नेतृत्व में लोगों ने डीएम बागपत को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा, जिसमें उन्होंने मांग की कि गुमनाम शहीदों और गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों को उनकी पहचान दिलायी जाये।
प्रदीप बली ने कहा कि देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है। इस अवसर पर हमें उन शहीदों को नही भूलना चाहिए जिनका बलिदान ज्ञात शहीदों और स्वतंत्रता सेनानियों से कम नही था, लेकिन उनको आज तक वह मान-सम्मान नही मिला जो उनको मिलना चाहिए था। 1857 की क्रांति के समय अंग्रेजों ने षड़यंत्र के तहत उस समय के इतिहास को अपने अनुसार मोड़ा और हजारों क्रांतिकारियों की शहादत और स्वतंत्रता सेनानियों के जीवन से जुड़े तथ्यों को उस समय के विभिन्न प्रकार के दस्तावेजों जैसे अखबारों, किताबों आदि पर नही आने दिया और ऐसे महान क्रांतिकारी लोक गाथाओं, दादा-दादी, नाना-नानी की कहानियों तक सिमट कर रह गये। उन्होंने मांग की कि वर्ष 1857 की क्रांति से जुड़े सही तथ्यों से जनता को अवगत कराया जाये व गुमनाम शहीदों और गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों के लिए एक स्मारक बनाया जाये जो देश के सभी गुमनाम शहीदों और गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों को समर्पित हो। डीएम बागपत को पत्र सौंपने वालो में न्यास के अध्यक्ष प्रदीप गुर्जर बली, पंचायती वीड़ियो प्रोग्राम के लेखक इकबाल कवि, जांबाज नीरा स्मृति अभियान के सचिव मनोज जैन खेकड़ा आदि उपस्थित रहे।