ब्यूरो चीफ, विकास बड़गुर्जर
बिनौली: बरनावा के श्री चंद्रप्रभ दिगंबर जैन मंदिर में चल रहे 41 दिवसीय शांतिनाथ विधान में शनिवार को श्रद्धालुओं क्षमावाणी पर्व पर विधि विधान पूर्वक पूजा अर्चना कर क्षमा याचना की।
विधान में पंडित महेश चंद शास्त्री ने क्षमावाणी पर्व की व्याख्या करते हुए कहा कि मानव जीवन में परस्पर गलतियां होना स्वभाविक है। क्षमा मांगने से कभी भी सम्मान घटता नहीं है, जो सामने वाले को क्षमा कर देता है। वही व्यक्ति महान कहलाता है। गलती करना, गलती करके माफी मांग लेना, यह मानव जीवन का कर्तव्य है। भाव परिणाम संभालने से मन संभल जाता है, शब्द संभालने से वाणी संभल जाती है, चाल चलन संभालने से शरीर की प्रक्रिया सुधर जाती है। क्षमावाणी पर्व वात्सल्य का प्रतीक है। अहंकार, क्रोध झूठ आदि के द्वारा यदि मन को परेशानी होती है, तो उसे दूर करने का नाम क्षमावाणी पर्व है। विधान में बादामी जैन, लता जैन, नमन जैन,मुकेश जैन, विशांत जैन,मुकेश जैन, सचिन जैन आदि मौजूद रहे।
Copyright 2021 @ Divyavishwas News | All Rights Reserved