Tuesday, April 23, 2024

अधिकतम 1500 मतदाताओं के आधार पर करायें मतदेय स्थलों का संभाजन – जिला निर्वाचन अधिकारी

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झांसी : जिला निर्वाचन अधिकारी/जिलाधिकारी रविंद्र कुमार की अध्यक्षता में मतदेय स्थलों के सम्भाजन के सम्बन्ध में जनपद के समस्त मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ विकास भवन सभागार में बैठक सम्पन्न हुई।बैठक में जिला निर्वाचन अधिकारी/जिलाधिकारी ने बताया कि मतदेय स्थलों का सम्भाजन, मतदेय स्थल/भवन तथा उससे सम्बद्ध किये जाने वाले निर्वाचक नामावली के सुसंगत भाग के शत-प्रतिशत भौतिक सत्यापन के बाद किया जायेगा। मत दिए स्थलों की दूरी 2 किलोमीटर से अधिक ना हो इसे अवश्य सुनिश्चित किया जाए।उन्होने बताया कि मतदेय स्थलों का 1500 मतदाताओं के आधार पर सम्भाजन की कार्यवाही के दौरान एक मतदान केन्द्र पर 02 से अधिक मतदेय स्थल स्थापित हों, तो उनको यथा सम्भव 1500 मतदाता प्रति मतदेय स्थल के आधार पर समायोजित करने का प्रयास किया जाय, ताकि मतदेय स्थलों की संख्या को कम किया जा सके।उन्होंने कहा कि ऐसे मतदेय स्थल, जिन पर मतदाताओं की संख्या 500 से कम है, उनका भौतिक सत्यापन एवं तार्किक विश्लेषण करते हुए इस बात की सम्भावना का परीक्षण भी कर लिया जाय कि क्या ऐसे मतदेय स्थलों को किसी अन्य मतदेय स्थलों के साथ समायोजित किया जा सकता है। यह परीक्षण भी करा लिया जाये कि निर्धारित सीमा से अधिक मतदाताओं वाले ऐसे मतदेय स्थल जहाँ उसी मतदान केन्द्र पर अन्य मतदेय स्थल भी है और उन मतदेय स्थलों में मतदाताओं की संख्या अपेक्षाकृत कम है, तो स्थलों का सृजन किये बिना भौगोलिक रूप से क्षेत्र की सुसम्बद्धता बनाये रखते हुए विद्यमान बूथों पर ही मतदाताओं को पुन:समायोजित कर दिया जाये।मतदेय स्थलों के भौतिक सत्यापन के पश्चात् निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी बी०एल०ओ० के छोटे-छोटे समूहों के साथ टेबल टॉप एक्सरसाइज द्वारा परीक्षण करेंगे कि ऐसे मतदान केन्द्र, जहाँ 02 से अधिक मतदेय स्थल स्थापित है, उन मतदेय स्थलों को उक्त मतदान केन्द्र के अन्य मतदेय स्थलों में समायोजित किया जा सकता है अथवा नहीं एवं तदनुसार आवश्यक कार्यवाही करें।

मतदेय स्थलों के सम्भाजन की कार्यवाही के अन्तर्गत नये मतदेय स्थल बनाने अथवा वर्तमान मतदेय स्थलों के पुनर्गठन के दौरान भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाय। उन्होने निर्देश दिए कि परिवार के सभी सदस्यों को एक ही सेक्शन में और एक ही जगह पर रखा जाए, एक भवन में रहने वाले निर्वाचकों को उसी भाग में नामांकित किया जाए, जहां तक संभव हो एक गली में रहने वाले निर्वाचकों को उसी भाग में नामांकित किया जाए।अत्यधिक पुराने व जर्जर भवन वाले मतदेय स्थलों की उसी मतदान क्षेत्र के अन्तर्गत उपलब्ध स्थायी भवन में स्थानान्तरित कर दिया जाए। अस्थायी निर्माण वाले मतदेय स्थलों को उसी मतदान क्षेत्र के अन्तर्गत उपलब्ध स्थायी भवन में स्थानान्तरित कर दिया जाए। ऐसे मतदेय स्थलों को चिन्हित किया जाए जो मुख्य गाँव/बस्ती से पर्याप्त दूरी पर है, उन मतदेय स्थलों को वहाँ से हटाकर मतदान क्षेत्र के अन्तर्गत किसी सुविधाजनक भवन में स्थापित किया जाए। यह भी सुनिश्चित कर लिया जाए कि पोलिंग स्टेशन की दूरी लगभग 02 कि०मी० से अधिक न हो। जिन मतदेय स्थलों के भवन पुराने व जर्जर नहीं है तथा जहाँ मतदाताओं को 02 कि०मी० से अधिक दूरी चलने की आवश्यकता नहीं है, ऐसे मतदेय स्थलों की स्थिति में परिवर्तन नहीं किया जाए। कोई मतदेय स्थल यदि अपने मतदान क्षेत्र में उपयुक्त भवन न उपलब्ध होने के कारण मतदान क्षेत्र से बाहर स्थित है और अब मतदान क्षेत्र के अन्तर्गत उपयुक्त भवन उपलब्ध हो गया है तो ऐसे मतदेय स्थल को अपने मतदान क्षेत्र के अन्दर स्थित भवन में शिफ्ट कर दिया जाए। यदि भौतिक सत्यापन में किसी मतदेय स्थल के संबंधित विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के बाहर स्थित होने का मामला प्रकाश में आता है तो ऐसे पोलिंग स्टेशनों को परिवर्तित कर विधानसभा क्षेत्र के अन्दर स्थापित किया जाए।उन्होने बताया कि सभी मतदेय स्थल भवनों के यथासम्भव भूतल पर होना सुनिश्चित किया जाए। दिव्यांगजनों और अक्त मतदाताओं की सुविधा के लिये प्रत्येक मतदेय स्थल पर रैम्प की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। किसी भी राजनैतिक दल या लेबर यूनियन के कार्यालय से 200 मीटर के अन्दर कोई भी मतदेय स्थल नहीं बनाया जाए। मतदेय स्थलों को बनाते समय ए०एम०एफ० सम्बन्धी सुविधाओं का भी ध्यान रखा जाय। मतदेय स्थलों के सम्भाजन की कार्यवाही को सर्वाेच्च प्राथमिकता पर पूर्ण किया जाना अनिवार्य है।
उप जिला निर्वाचन अधिकारी/अपर जिलाधिकारी प्रशासन ए के सिंह ने बैठक में उपस्थित मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय/राज्य राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को बताया कि जनपद झांसी की चारों विधानसभा क्षेत्र में 1739 मतदेय स्थल थे अब संभाजन उपरांत 1587 मतदेय स्थल हो गये हैं। उन्होंने विधानसभा क्षेत्र की जानकारी देते हुए बताया 222- बबीना में वर्तमान में 397 मतदेय स्थल थे, 26 मतदेय स्थलों को संभाजन उपरांत समाप्त किया गया अब 371 मतदेय स्थल है और 250 मतदान केंद्र हैं। 223- झांसी नगर में वर्तमान में 428 मतदेय स्थल थे 33 मतदेय स्थलों को समाप्त करते हुए अब 395 मतदेय स्थल है और 115 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। 224- मऊरानीपुर विधानसभा में 484 मतदेय स्थल थे, संभाजन के बाद 48 मतदेय स्थलों को समाप्त किया गया अब 436 मतदेय स्थल प्रस्तावित है और 270 मतदान केंद्र है, इसी प्रकार 225- गरौठा विधानसभा में वर्तमान में कुल 430 मतदेय स्थल थे, संभाजन के उपरांत 45 मतदेय स्थल समाप्त किए गए, अब 385 मतदेय स्थल प्रस्तावित किए गए हैं और 276 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि समस्त प्रस्तावित मत देय स्थल की सूची राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को उपलब्ध करा दी है, राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों द्वारा कोई भी आपत्तियों एवं सुझाव नहीं दिए गए।
जिला निर्वाचन अधिकारी/जिलाधिकारी  रविंद्र कुमार ने सभी राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों से अपील करते हुए कहा कि मतदाताओं के आधार नम्बर मतदाता सूची में सम्मिलित किये जाने हेतु आधार नम्बर एकत्रीकरण कार्य में अपना पूर्ण सहयोग प्रदान करें। जिससे आधार एकत्रीकरण की कार्यवाही जल्द से जल्द पूरी की जा सके। मतदाताओं द्वारा अपना आधार नम्बर उपलब्ध कराया जाना पूर्णतः स्वैच्छिक है। आधार नम्बर उपलब्ध न कराने पर भी मतदाता सूची से उनका नाम नही कटेगा। किसी भी स्थिति में मतदाताओं के आधार नम्बर को सार्वजनिक नही किया जायेगा।
इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी प्रशासन ए के सिंह, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट सान्या छाबड़ा, उपजिलाधिकारी गरौठा क्षितिज द्विवेदी, उपजिलाधिकारी मऊरानीपुर मृत्युंजय नारायण मिश्रा, उपजिलाधिकारी मोंठ इंद्र कांत द्विवेदी सहित जिला अध्यक्ष भाजपा जमुना प्रसाद कुशवाहा, सुधाकर मिश्रा,भारतीय जनता पार्टी से अमित श्रीवास्तव, बहुजन समाज पार्टी के जिलाध्यक्ष जयपाल सिंह अहिरवार, बुंदेलखंड क्रांति दल के अध्यक्ष सत्येंद्र पाल सिंह, मोहम्मद नईम मंसूरी, शिरोमणि सिंह राजपूत,मनीराम कुशवाहा, दीपक कठिल, सहजेद्रं सिंह बघेल,निर्वाचन कार्यालय सहित समस्त राजनैतिक दलों के प्रतिनिधिगण उपस्थित रहे।

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