परमात्मा की स्तुति का सर्वोत्तम कर्म है यज्ञ: सत्यवेश

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बिनौली। रंछाड गांव में वेद प्रचार सफ्ताह के तहत चल रहे यज्ञ में शनिवार को स्वामी सत्यवेश महाराज ने कहा कि यज्ञ संसार का सबसे श्रेष्ठ कर्म यज्ञ है। यज्ञ के ही माध्यम से हम परमात्मा से प्रार्थना कर सुख को प्राप्त करते हैं।
उन्होंने श्रावणी उपाकर्म एवं वेद प्रचार सप्ताह के तहत आर्य समाज के उपप्रधान सत्यपाल सिंह के आवास पर देव यज्ञ कार्यक्रम में उन्होंने यज्ञ का व्यावहारिक भाव बताते हुए कहा कि भौतिक रूप से प्रज्वलित अग्नि में विभिन्न औषधियों से आहुति कर समस्त जीवों को सुख पहुंचाने को भी यज्ञ कहते हैं। उन्होंने कहा कि प्राचीन काल में ऋषि विभिन्न प्रकार के यज्ञ करते थे। तब समय से वर्षा, गर्मी और जाड़ा पड़ता था। वातावरण पूर्ण रूप से शुद्ध था। अकाल मृत्यु और प्राकृतिक आपदाएं नहीं आती थीं। लोग सुखी रहकर दीर्घ आयु हुआ करते थे। यदि कोई बीमारी आती भी थी तो संबंधित औषधियों का मंत्रों के माध्यम से दूर करते थे। वेदों के अनुसार विशेष सुख की इच्छा रखने वाला यज्ञ अवश्य करें। संचालन आर्य समाज मंत्री एसआई ओमबीर सिंह तोमर ने किया।
इस मौके पर बिजेंद्र, कृष्णपाल, सुधीर, अनिल, जयवीर, कर्ण सिंह, विरेंद्र सिंह आदि उपस्थित रहे।

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