बागपत। सावन का महीना प्रारम्भ होते ही बागपत के महाभारतकालीन अति प्राचीन शिव मंदिर में शिवभक्तों की भीड़ उमड़नी शुरू हो गयी है। स्वामी कृष्णबोध आश्रम पक्का घाट बागपत में स्थित इस शिव मन्दिर में शिवरात्रि को उत्तराखण्ड़ से गंगा जल लेकर आये हजारों शिवभक्तों ने जलाभिषेक किया और पूजा-अर्चना की। आश्रम के प्रबन्धक संत उद्धव स्वरूप ब्रहमचारी जी ने बताया कि आश्रम में अनेकों भगवान, देवी-देवताओं के मन्दिर बने हुए है। वर्श भर यहां पर श्रद्धालुगण पूजा के लिए आते रहते है। सावन में इस स्थान पर पूजा-अर्चना की विशेष महत्ता मानी जाती है। सावन में भगवान शिव का जलाभिषेक करने से भक्तों पर भगवान की विशेष कृपा होती है।
आश्रम की सेवा करने वाले हीरालाल ने बताया कि मन्दिर से जुड़ी हुई अनेकों पौराणिक कथाएं प्रचलित है। इन्हीं में से एक पौराणिक मान्यता के अनुसार लाक्षागृह से बच निकलने के बाद पांडव इसी शिव मंदिर से थोड़ी दूर कुटी बनाकर रहते थे और इस मंदिर में पूजा-अर्चना किया करते थे। जिस स्थान पर पांडव लाक्षागृह से निकले थे वह गुफा आज भी मौजूद है और वह स्थान आज कुटी वाले मन्दिर के नाम से प्रसिद्ध है।
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