बागपत। जमीयत-उलेमा-ए-हिन्द ने समाज में धर्म के नाम पर बढ़ती नफरत को समाप्त करने के लिए नई दिल्ली स्थित अपने मुख्यालय में एक सद्धभावना सम्मेलन का आयोजन किया। इसमें बागपत जिले से काफी लोगों ने शिरकत की।
सम्मेलन में राष्ट्रीय और प्रदेश सरकारों से किसी भी धर्म व धर्मगुरूओंके बारे में गलत शब्दों के इस्तेमाल करने, गलत टीका-टिप्पणी करने, धार्मिक भावनाओं को सोशल मीडिया अथवा किसी भी माध्यम से भड़काने वाले असामाजिक लोगों के विरूद्ध कठोर कानून बनाकर सजा देने की मांग की। सभी धार्मिक विद्धानों ने कहा कि धर्मों के नाम पर बढ़ती इस नफरत को समय रहते नही रोका गया तो आने वाली पीढ़ियों और देश को इसका भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।
उन्होंने देश के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले उनके क्षेत्र के धर्मगुरूओं से आहवान किया कि देशहित, समाजहित व इंसानियत की रक्षा के लिए विभिन्न धर्मों के लोगों को आपस में जोड़ने का प्रयास करे और इसके लिए सद्धभावना कमेटी का निर्माण करे। समय-समय पर साझा मीटिंग का आयोजन करें और धर्मों की सही जानकारी लोगों तक पहुंचाए। कहा कि देश को आजाद कराने में हर धर्म व सम्प्रदाय के लोगों ने अनगिनत कुर्बानियां दी है। हमारा कर्तव्य है कि हम अपने पूर्वजों की कुर्बानियों को बेकार ना जाने दे और मुल्क की तरक्की, आपसी भाईचारे और आने वाली पीढ़ियों के अच्छे भविष्य के लिए कार्य करे।
सम्मेलन को जैन धर्म के आचार्य लोकेश मुनि, सर्वधर्म संसद के राष्ट्रीय संयोजक सुशील महाराज, रविदास सम्प्रदाय के स्वामी वीर सिंह महाराज, बौद्ध धर्म के आचार्य येशी, ईसाई धर्म के फादर मॉरिश पार्कर, सिख धर्म के सरदार मनप्रीत सिंह, जमीयत-उलेमा-ए-हिन्द के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी, महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी, मौलाना नियाज अहमद फारूकी सहित अनेकों विद्वानों ने सम्मेलन को सम्बोधित किया। संचालन जमीयत सद्धभावना मंच के संयोजक मौलाना जावेद सिद्वीकी कासमी ने किया। इस अवसर पर डा.रमेश पासी, डॉक्टर संध्या अग्रवाल, तेजपाल सिंह जोनमाना, इकबाल कवि बड़ौत, संतरा चौहान समेत विभिन्न सामाजिक, धार्मिक व शैक्षिक संस्थाओं के सैंकड़ों लोग उपस्थित थे।
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