मेरठ। इस्माईल गर्ल्स नेशनल इण्टर कॉलेज, एल-ब्लॉक, शास्त्री नगर, मेरठ के सेठ दयानन्द गुप्ता सभागार में “स्वामी विवेकानंद ” की 116वीं पुण्यतिथि का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ प्रधानाचार्या डा.मृदुला शर्मा ने स्वामी विवेकानन्द की फोटो पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर किया। मंच का संचालन विद्यालय प्रवक्ता अनुपम निधि ने किया।
प्रधानाचार्या डा.मृदुला शर्मा ने छात्राओं को बताया कि स्वामी विवेकानंद को बुद्धि और मानवता का आदर्श माना जाता है। युवा वर्ग आज भी उन्हें अपनी प्रेरणा स्रोत मानते हैं। आप जो भी काम करो, पूरी एकाग्रता से करो, तभी सफल होगे। जीवन में ‘संघर्ष जितना कठिन होगा,जीत उतनी ही शानदार होगी।’ उनके निर्वाण दिवस पर हर भारतीय उनकी शिक्षा व आदर्शों को जीवन में आत्मसात कर राष्ट्रनिर्माण में अपना योगदान देने का संकल्प ले, यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी। इस अवसर पर छात्राओं को विवेकानंद की जीवनी पर प्रोजेक्टर के माध्यम से डॉक्यूमेंट्री फिल्म दिखाई गई। छात्राओं ने बड़े ही उत्साह पूर्वक फिल्म को देखा। छात्राओं को प्रश्नोत्तरी के माध्यम से प्रधानाचार्या डा.मृदुला शर्मा द्वारा जागरुक किया गया। विद्यालय प्रवक्ता अनुपम निधि ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द ने साल 1893 में शिकागो मे सबसे पहले पूरी दुनिया को भारत के धर्म और आध्यात्म के सार से परिचित कराया था। उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत ‘मेरे अमेरिकी भाइयो और बहनो’ संबोधन के साथ की। स्वामी द्वारा यह वाक्य बोलते ही पूरा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजने लगा और वहां उपस्थित हर व्यक्ति उनके विचारों से प्रभावित हुआ। वंदना सिंह ने कहा राष्ट्र के प्रेरणापुंज विवेकानंद ने अपने प्रगतिशील विचारों से युवाओं में राष्ट्रनिर्माण की चेतना जगाई।
इस अवसर पर विद्यालय की समस्त शिक्षिकाएं अनुपम निधि, अर्चना भास्कर, वंदना सिंह, नीता रानी, प्रमिला, अम्बिका देवी, कंचन सिंह, ज्योति, कनक शर्मा, निधि राजवंशी, आरती शर्मा, सुमन शर्मा, रानी शर्मा, रेखा रानी, शशि प्रभा, संजू चौधरी, दीपमाला, अंजू दीक्षित, मोहनी मित्तल, शोएबा एवं विद्यालय के कार्यालय सहायक मुकेश कुमार, रविन्द्र कुमार, गौरव सिंघल, जनार्दन कुमार, अमित अग्रवाल आदि उपस्थित रहें|
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