बागपत। जनपद बागपत का बड़ा गांव अपने प्राचीन, भव्य, विशाल जैन मन्दिरों और बुजुर्ग जैन साधु-संतो के आश्रम के लिए विश्वभर में विख्यात है और प्रमुख जैन तीर्थ स्थलों में इसकी गिनती होती है। जल्द ही इस पवित्र व पावन धरा पर जैन तीर्थंकर बाहुबली भगवान का विशाल मंदिर श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन साधुवृति आश्रम में देखने को मिलेगा।
आश्रम के प्रबन्धक दीपक जैन बताते है कि आश्रम में बाहुबली भगवान की सवा 31 फुट ऊॅंची और 16 फुट चौड़ी प्रतिमा वाले श्री गोम्मटेश्वर बाहुबली मन्दिर का निर्माण कार्य चल रहा है। उन्होंने बताया कि भगवान बाहुबली का यह मन्दिर देश और विश्व की अनुपम रचनाओं में शुमार होगा और श्रद्धालुओं के लिए मुख्य आकर्षण का केन्द्र रहेगा। इसी गति से कार्य चलता रहा तो लगभग एक वर्ष में मन्दिर का निर्माण कार्य पूर्ण हो जायेगा। दीपक जैन ने बताया कि वह मध्यप्रदेश के दमोह जिले के रहने वाले है और लगभग 10 वर्षो से इस आश्रम में प्रबन्धक के रूप में कार्य कर रहे है। आश्रम का निर्माण मुनि श्री 108 संवेगसागर जी महाराज द्वारा करवाया गया है। आश्रम का मुख्य उद्देश्य बुजुर्ग जैन साधु-संतो की सेवा करने के साथ-साथ उन बुजुर्ग जैन समाज के लोगों के रहने-खाने आदि की निशुल्क व्यवस्था करना है जो तीर्थ स्थान पर रहकर पूजा-अर्चना करना चाहते है। आश्रम में तीर्थयात्रियों के लिए निशुल्क भोजनशाला की व्यवस्था है। औषधालय में नाममात्र की राशि का भुगतान कर आर्युवेद पद्धति से ईलाज की सुविधा उपलब्ध है। आश्रम में गरीबों की सहायता के लिए नेकी की दीवार के नाम से पुण्य कार्य किये जा रहे है, इसमें सामर्थ्यवान लोग अपने घरों में काम ना आने वाले सामान जैसे कपड़े, जूते, चप्पल आदि इस दीवार के पास रख जाते है और गरीब लोगों को जिस सामान की जरूरत होती है वह यहॉं से ले जाते है। गौशाला, पशु पक्षियों की सेवा सहित अनेकों कार्य आश्रम की और से किये जाते है।
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