- अब क्षय रोगी के परिवार को दिया जाएगा प्रीवेन्टिव ट्रीटमेंट
- अब तक क्षय रोगी के घर में मौजूद पांच वर्ष के बच्चों व एचआईवी सहरुग्ण को दी जाती कीमोप्रोफाईलेक्सिस दवा
कासगंज। भारत सरकार द्वारा क्षय रोग का जड़ से खत्म करने के लिए 2025 का लक्ष्य रखा गया है। इसलिए स्वास्थ्य विभाग ने नई पहल शुरू की है। क्षय रोग संक्रमण से संबंधित व्यक्तियों की जांच कर टीबी प्रीवेन्टिव ट्रीटमेंट दिया जाएगा। क्षय रोगी के सम्पर्क में आने वाले व्यक्तियों में टीबी प्रीवेन्टिव ट्रीटमेंट (टीपीटी) क्षय रोग के प्रसार को रोकने के लिए प्रभावी तरीकों में से एक है। एनटीईपी कार्यक्रम (राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम) के अंतर्गत अभी तक क्षय रोग पीड़ित व्यक्तियों के घर में मौजूद पांच वर्ष के छोटे बच्चों एवं एचआईवी सहरुग्ण व्यक्तियों में क्षय रोग के प्रसार को रोकने के लिए कीमोप्रोफाईलेक्सिस दवा दी जाती है।
जिला क्षय रोग अधिकारी डा.सीएल यादव ने बताया क्षय रोग के प्रसार को रोकने के लिए क्षय रोग पीड़ित के परिवार की जांच कर टीबी प्रीवेन्टिव ट्रीटमेंट दिया जाएगा। जिसके लिए जिला क्षय रोग अधिकारी द्वारा चिकित्सा अधिकारी, एएनएम, सीएचओ, सामान्य स्वास्थ्य कर्मी, एनटीईपी स्टॉफ व विश्व स्वास्थ्य संग़ठन को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
क्षय रोग से पीड़ित व्यक्तियों के परिवार के व्यक्तियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग कराते हुए पात्र व्यक्तियों को टीबी प्रीवेन्टिव ट्रीटमेंट दिया जाएगा। क्षय रोग से पीड़ित व्यक्ति के परिवार के सभी व्यक्तियों को नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जिला संयुक्त चिकित्सालय के द्वारा क्लिनिकल स्क्रीनिंग करते हुए सक्रिय क्षय रोगी एवं टीबी प्रीवेंटिव ट्रीटमेंट हेतु पात्र संपर्क को चिन्हित किया जाएगा।
जिला कार्यक्रम अधिकारी धर्मेंद्र यादव ने कहा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जिला संयुक्त चिकित्सालय पर टीबी संक्रमण की जांच प्रत्येक मंगलवार को ट्यूबरक्लोसिस स्किन टेस्ट (सीएसटी )के माध्यम से एएनएम द्वारा की जाएगी 48 से 72 घंटे के बाद शुक्रवार को संबंधित चिकित्सा अधिकारी इसकी पुष्टि करेगा। क्षय रोग के लक्षणयुक्त (सक्रिय रोगी) की जाँच करते हुए समय से उपचार दिया जाएगा। क्षय रोग के लक्षणविहीन टीएसटी/ इगरा पॉजिटिव कॉन्टेक्टस की टीबी प्रीवेन्टिव ट्रीटमेंट शुरू किया जाएगा।