यूपी चुनाव का ट्रेंड और भाजपा की चुनौती, क्या है रक्षामंत्री राजनाथ सिंह का इशारा

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राजनाथ सिंह: फ़ाइल फोटो'

बलिया: यूपी में पांच चरणों के चुनाव हो चुके हैं। छठे चरण का चुनाव तीन मार्च को होगा। इससे पहले सभी पार्टियों ने ताकत झोंक दी है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह भी लगातार चुनाव प्रचार में लगे हैं। बलिया में उन्होंने भाजपा प्रत्याशियों के लिए प्रचार किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि यूपी चुनाव में पिछले तीन-चार दशकों से चले आ रहे ट्रेंड के बारे में लोगों को बताया। यह भी कहा कि भाजपा की रणनीति इस ट्रेंड को तोड़ने के लिए तैयार है।
रसड़ा में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने मतदाताओं से किसी के बहकावे में न आने या गुमराह होने का भी आग्रह किया और कहा कि मतदान करते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि देश सबसे ऊपर है। कहा कि पहले चरण से पांचवें चरण के रुझान ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उत्तर प्रदेश के मतदाता एक नया इतिहास लिखने जा रहे हैं। पिछले 30 से 40 वर्षों में राज्य में लगातार दूसरी बार कोई भी पार्टी सरकार नहीं बना सकी है। इस बार भाजपा लगातार दूसरी बार अपनी सरकार बनाने जा रही है।
राजनाथ ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि भाषण देने से भ्रष्टाचार को दूर नहीं किया जा सकता है। व्यवस्था में बदलाव करके भ्रष्टाचार को रोका जा सकता है। सिंह ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने लाचारी के साथ कहा था कि दिल्ली से भेजे जाने वाले 100 पैसे में से मुश्किल से 15 पैसे लाभार्थी तक पहुंचते हैं। भाजपा सरकार में योजनाओं का लाभ बिना किसी भ्रष्टाचार के लाभार्थियों तक पहुंच रहा है। राजनाथ ने नरेंद्र मोदी सरकार की विदेश नीति की तारीफ करते हुए कहा कि केंद्र ने दुनिया में देश का सिर ऊंचा रखा है।
उन्होंने कहा कि पहले दुनिया भारत की बात को गंभीरता से नहीं लेती थी, लेकिन अब दुनिया सुन रही है कि भारत क्या कह रहा है। हम भारत का सिर झुकने नहीं देंगे। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्य सरकार द्वारा किए गए कार्यों की भी प्रशंसा की।
राजनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश को पहले ‘बीमारू’ राज्य के रूप में जाना जाता था, लेकिन योगी आदित्यनाथ की सरकार के पांच वर्षों में यह अर्थव्यवस्था के मामले में दूसरे स्थान पर पहुंच गया है।
सपा-बसपा और कांग्रेस के चुनाव चिह्न पर निशाना साधते हुए कहा कि देवी लक्ष्मी साइकिल, हाथी पर सवार होकर किसी भी घर में नहीं आती हैं। और न ही वह अपना हाथ लहराते हुए आती हैं। वह कमल पर आती हैं।

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