Wednesday, April 24, 2024

अध्यात्म व्यक्ति के जीवन में प्राण जैसा:आर.आर.डी.उपाध्याय

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बागपत: क्षेत्र के गांव सिसाना में गुरू गोरक्षनाथ मन्दिर में आयोजित अध्यात्म की बेला कार्यक्रम में गुरू गोरक्षनाथ के नाथ पंथ और अध्यात्म पर चर्चा हुई। कार्यक्रम में अतिथियों और विद्वानों को शॉल व पगड़ी पहनकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के समापन पर भंडारे का आयोजन भी किया गया।
क्षेत्र के गांव सिसाना में निरोजपुर रोड़ पर नव निर्माणाधीन गुरू गोरक्षनाथ मन्दिर में आयोजित अध्यात्म की बेला कार्यक्रम में गुरू गोरक्षनाथ द्वारा चलाये गये नाथ पंथ,योग और अध्यात्म पर चर्चा हुई। मन्दिर व कार्यक्रम आयोजक समिति ने आमंत्रित अतिथियों और विद्वानों को शॉल ,फूल मालायें व पगड़ी पहनकर सम्मानित किया गया।
अध्यात्म की बेला को सम्बोधित करते हुये समाजसेवी आर.आर.डी.उपाध्याय ने कहा अध्यात्म व्यक्ति के जीवन में प्राण जैसा है। जैसे शरीर से प्राण अलग होने पर शरीर निष्क्रिय हो जाता है,उसी प्रकार व्यक्ति के जीवन से अध्यात्म अलग होने से जीवन निष्क्रिय हो जाता है। गोरखधंधा गुरू गोरक्षनाथ की वह रहस्यमय विद्या है। जिसमें योग द्वारा शरीर से आत्मा को अलग कर पुनः शरीर में स्थापित किया जाता है। लेकिन अज्ञान के कारण कुछ लोगों द्वारा तस्करी जैसे अपराधों के लिए गोरखधंधा शब्द का प्रयोग किया जाता है।
विनोद कुमार पावी ने कहा गुरु गोरक्षनाथ को समझने की आवश्यकता है। आज जिस योग को लेकर दुनिया झूम रही है,वह गुरू गोरक्षनाथ की ही देन है। कार्यक्रम की अध्यक्षता महेश चन्द वशिष्ठ और संचालन सुरेन्द्र योगी खेकड़ा ने किया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से धर्मेन्द्र योगी, प्रधानाचार्य सुनील कुमार आर्य, सुशील उपाध्याय, संजय उपाध्याय, विनोद कुमार पावी, महेशचन्द वशिष्ठ, अनिल, महेश, धर्मवीर योगी समालखा, दीपक, रितेश, ममता वशिष्ठ, पुष्पलता, मायादेवी, नीरा वशिष्ठ आदि उपस्थित रहे।

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