जानसठ पुलिस ने अवैध शराब बनाने की फैक्ट्री पकड़ी, दो गिरफ्तार

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जानसठ पुलिस ने अवैध शराब बनाने की फैक्ट्री पकड़ी, दो गिरफ्तार

जानसठ: पुलिस ने अवैध शराब बनाने की फैक्ट्री पकड़कर दो लोगों को दबोच लिया। पुलिस ने उनके पास से भारी मात्रा में अवैध शराब, शराब को भरने के लिए ढक्कन, बार कोड, रैपर व उन्हें प्रिंट करने के लिए प्रिंटर बरामद की है। पुलिस ने दोनों का चालान कर दिया है। पुलिस अभी तक शराब में आठ लोगों को जेल भेज चुकी है।
पुलिस ने अवैध शराब बनने की एक फैक्ट्री पकड़कर क्षेत्र में सप्लाई हो रही अवैध शराब पर लगाम लगाने की कोशिश की है। एसपी देहात अतुल कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि गत दिनों कस्बे में ही दो लोग अवैध शराब बनाते हुए पकडे गए थे। उनके पास से शराब के पव्वों में लगने वाले ढक्कन व खाली पव्वे बरामद हुए थे। पुलिस तभी से शराब के खाली पव्वे व ढक्कन बनने वालों के पीछे लगी थी। उन्होंने बताया कि पहले जेल भेजे गए लोगों के बताए पते श्रीनगर कालोनी, निकट अम्बर सिनेमा कस्बा व थाना मोदीनगर जनपद गाजियाबाद पर पहुंचकर पुलिस ने शराब के ढक्कन को प्रिंट करने, बार कोड व शराब पर लगने वाले रेपर बनने के साथ अवैध शराब बनने के उपकरणों को बरामद कर दो लोगों को दबोच लिया। पुलिस ने वहां से करीब तीन सौ लीटर रैक्टीफाइड शराब हजारों भरे हुए पव्वे व प्रिंटर आदि सभी बरामद कर लिया। पुलिस ने वहां से बडी मात्रा में पव्वों पर लगने वाले रेपर, बार कोड भी बरामद किए है। इतना ही नहीं कई तरह के कलर आदि भी बरामद किए गए है। एसपी देहात ने बताया कि आरोपित देशी शराब के साथ साथ अग्रेजी शराब भी बना लेते थे। पुलिस ने पकडे गए आरोपित की पहचान मुकेश कुमार पुत्र मूलचंद सैनी, निवासी गांव बदनौली थाना खरखोदा जिला मेरठ हाल निवासी शिवपुरी थाना व कस्बा मोदी नगर जनपद गाजियाबाद व मोनी उर्फ मनीषा उर्फ मोनिका पत्नी संजय अम्बर कालोनी मोदीनगर के रूप में बताई है। पुलिस ने दोनों आरोपितों का चालान कर दिया है।
आसपास के जनपदों तक थी सप्लाई
एसपी देहात अतुल कुमार ने बताया कि आरोपितो ने बताया कि उनके टच में अधिकतर शराब की दुकानों पर काम करने वाले सेल्समेन थे। बार कोड लगे शराब के पव्वों को वह आसानी से अपनी दुकानों पर ही बेच देते थे। बार कोड लगा होने के कारण उनपर कोई शक तक नहीं करता था। उन्होंने बताया कि आरोपित हर महीने लाखों की संख्या में पव्वों की सप्लाई कर देते थे। वह मेरठ, गाजियाबाद के अलावा मुजफ्फरनगर में भी शराब की सप्लाई करते थे।
आबकारी विभाग कहां सोया है
जिले में शराब की दुकानों पर ही अवैध शराब की ब्रिक्री की जा रही है और आबकारी विभाग गहरी नींद में सोया है। वैसे तो अक्सर शराब की दुकानों को चैक किया जाता है लेकिन कहीं भी अवैध शराब नहीं बरामद हो सकी। सूत्रों की माने तो जब भी अधिकारी शराब की चैकिंग के लिए चलते तो शराब के सेल्समेनों को खबर लग जाती थी। जिससे अधिकारी केवल शराब की चैकिंग की रस्मोंदायगी करके चले जाते थे।

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