मेरठ। गंगानगर स्थित आईआईएमटी विश्वविद्यालय के इंस्ट्टीटीटयूशन इनोवेशन सेल व रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट सेल ने डिपार्टमेण्ट ऑफ बाॅयोटेक्नोलाॅजी भारत सरकार के डीबीटी-सीटेप स्कीम केे अन्तर्गत जैव प्रोघौगिकी विषय पर अन्तर्राष्ट्रीय ऑनलाइन पापुलर व्याख्यान आयोजित किया। जिसका उद्देश्य भारत में जैव प्रोघौगिकी के बारे में अधिकाधिक प्रचार करना रहा। ऑनलाइन व्याख्यान का विषय जैव प्रोघौगिकी में उपलबध नवीनतम तकनीक रहा। मुख्य वक्ता के रूप में एडो स्टेट यूनिवर्सिटी के माइक्रोबायोलाॅजी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर (डा.) चार्ल्स ओलूवेसन एडिटउंजी रहे। व्याख्यान का शुभारम्भ आईआईएमटी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एचएस सिंह ने किया। उन्होंने कहा कि जैव प्रोद्यौगिकी वह तकनीक है जिसमें सूक्ष्म जीवों से प्राप्त होने वाले पदार्थों का उपयोग करके उत्पादों का निर्माण या उनके सुधार का अध्ययन किया जाता है। प्रोफेसर चाल्र्स ने जैव प्रोद्यौगिकी के विभिन्न आयामों को विस्तार से समझाया। उन्होंने कहा हजारों साल से मानव जाति ने कृषि खाद्य उत्पादन और दवा में जैव प्रोद्यौगिकी का उपयोग किया है। उन्होंने जैव प्रोद्यौगिकी की विभिन्न शाखाओं और उनके क्रियाकलापों के बारे में बताया।
सेमिनार के आयोजन में आईआईएमटी विश्वविद्यालय की प्रो.वाइस चांसलर प्रोफेसर डा.दीपा शर्मा का योगदान रहा। आईआईएमटी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति योगेश मोहन गुप्ता एवं आईआईएमटी समूह के मैनेजिंग डायरेक्टर मयंक अग्रवाल ने सभी को शुभकामनाएं दीं। सेमिनार की काॅर्निडेटर डा.शुभा द्विवेदी ने बताया कि व्याख्यान के लिए करीब 400 से ऊपर रजिस्ट्रेशन प्राप्त हुए। विभिन्न राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के विश्वविद्यालयों ने सेमिनार में अपनी उपस्थिति दर्ज करायी। जिनमें एडोस्टेट यूनिवर्सिटी नाईजीरिया,लोकटेक यूनिवर्सिटी अफ्रीका,प्रीसियस कोरनर स्टोर यूनिवर्सिटी नाईजीरिया,सेमहिमगटन कृषि विश्वविद्यालय प्रयागराज,पंजाब यूनिवर्सिटी,अमेटी यूनिवर्सिटी, गलगोटिया यूनिवर्सिटी,कानपुर यूनिवर्सिटी,गार्डन सिटी यूनिवर्सिटी प्रमुख हैं। सेमीनार को सफल बनाने में को-काॅर्डिनेटर नितिन अग्रवाल का हर सम्भव सहयोग रहा। सेमिनार की यूटयूब लाइव स्ट्रीमिंग में वैभव का योगदान रहा।
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