Wednesday, April 24, 2024

सुभारती लॉ कॉलिज में व्याख्यान का आयोजन

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मेरठ: सरदार पटेल सुभारती लॉ कॉलिज, स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय, मेरठ में नई शिक्षा नीति 2020 एवं स्वामी विवेकानन्द का दृष्टिकोण विषय पर एक व्याख्यान का आयोजन किया गया। स्वामी विवेकानन्द शोध पीठ, स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय की संयोजिका डा.शिम्मी गुरवारा द्वारा यह व्याख्यान मूटकोर्ट हॉल में शिक्षकों एवं छात्रों के सम्मुख प्रस्तुत किया गया।
अपने व्याख्यान में डा.शिम्मी गुरवारा ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के बारे में बताते हुए कहा कि यह नीति शोध के क्षेत्र में गुणात्मक परिवर्तन लायेगी। यह नीति छात्रों को ग्लोबल प्लेटफार्म भी दिलाएगी। हमारा देश अब ज्ञान के क्षेत्र में फिर से विश्वगुरू बनने की और अग्रसर है। अत: छात्रों को ज्ञान और विज्ञान के क्षेत्र में शोधोन्मुख होना होगा। स्वामी विवेकानन्द भारत के ज्ञान की इस पूँजी को अमेरिका के शिकागो में विश्व धर्म-सम्मेलन में लेकर गये थे। भारत की ज्ञान परम्परा सदैव ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में शोध से जुड़ी हुई है खगोल विज्ञान से लेकर ज्योतिष विज्ञान, योग विज्ञान, दर्शन विज्ञान, आयुर्वेद एवं अध्यात्म के क्षेत्र में हम सर्वप्रथम रहे हैं। स्वामी विवेकानन्द जी के माध्यम से 17वी व 18वी शताब्दी में विश्व को भारत के सनातम धर्म से जुड़ने का मौका मिला। यह शिक्षा नीति गुणवत्ता पर बल देती है। छात्रों को खुद को सक्षम बनाना होगा,खुद को जागृत करना होगा तब कुछ भी असम्भव नही है। नये-नये विचारों से जुड़कर साहस और धर्य के साथ शोध से जुड़े रहना छात्रों के लिए जरूरी है। शोध कार्य करने के लिए योजना बनाकर खुद पहल करनी चाहिए साथ ही साथ आत्मविश्वास के साथ खुद में लीडरशिप क्वालिटी पैदा करनी चाहिए। स्वामी विवेकानन्द में भी आत्मविश्वास और लीडरशिप क्वालिटी थी जिनके बल पर उन्होंने विश्व को अपने विचारों से प्रभावित किया। आज भी उनके विचार युवा छात्रों के लिए प्रेरणादायक है। इसलिए भारत में स्वामी विवेकानन्द के जन्मदिवस को युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। हम सौभाग्यशाली है कि हमारे सुभारती विश्वविद्यालय का नाम स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय है। अत: छात्र के रूप आपकी जिम्मेदारी सीमित से असीमित होने में है।
डा.सारिका त्यागी ने डा.शिम्मी गुरवारा का उनके व्याख्यान के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया। इस कार्यक्रम में शिक्षकों व छात्र-छात्रों की उपस्थिती बनी रही।

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