Wednesday, January 22, 2025

तेजी से आधुनिकरण के दौर से गुजर रही भारतीय सेना, परिचालन जरूरतों के लिए स्वदेशी समाधान तलाश रही- सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे

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  • सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने कहा कि,”मैं सभी को आश्वस्त करता हूं कि भारतीय सेना हमेशा आत्मनिर्भर भारत के नजरिए को सुविधाजनक बनाने में हमारी भूमिका के लिए आगे बढ़ेगी।”

नई दिल्ली: भारतीय सेना के आधुनिकरण पर बात करते हुए सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने कहा है कि सेना तेजी से आधुनिकरण के दौर से गुजर रही है। उन्होंने कहा,”भारतीय सेना अपनी परिचालन जरूरतों के लिए स्वदेशी समाधान तलाश रही है। मैं सभी को आश्वस्त करता हूं कि भारतीय सेना हमेशा आत्मनिर्भर भारत के नजरिए को सुविधाजनक बनाने में हमारी भूमिका के लिए आगे बढ़ेगी।”
इससे पहले नरवणे बुधवार को दो दिवसीय दौरे पर जम्मू पहुंचे थे। यहां उन्होंने सुरक्षा हालात और अभियानगत तैयारियों की समीक्षा की। पुंछ और राजौरी जिलों के जंगल में आतंकवादियों के खिलाफ जारी अभियान के बीच सेना प्रमुख ने पिछले करीब दो सप्ताह में दूसरी बार जम्मू का दौरा किया था।
वहीं 17 अक्टूबर को एम एम नरवणे ने पुंछ में मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए सूबेदार अजय सिंह और नाइक हरेंद्र सिंह के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्ति की थी। अजय सिंह और हरेंद्र सिंह ने मेंढर के नार-खास जंगल में आतंकवाद रोधी अभियान के दौरान अपना सर्वोच्च बलिदान दिया था। भारतीय थल सेना ने ट्वीट किया था, ‘सेना प्रमुख एमएम नरवणे और सभी रैंक के अधिकारियों ने बहादुर सूबेदार अजय सिंह और नाइक हरेंद्र सिंह को सलामी दी, जिन्होंने पुंछ अभियान के दौरान अपना सर्वोच्च बलिदान दिया और उनके परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की।’
बता दें, आतंकवादियों की घेराबंदी और तलाशी अभियान के 27 दिनों के बाद सुरक्षाबलों ने शनिवार को अपना ध्यान राजौरी जिले के आसपास के इलाके में केंद्रित कर लिया। जानकारी के मुताबिक पिछले तीन हफ्तों से चल रहे सर्च ऑपरेशन में सुरक्षाबलों (Security Forces) को आतंकवादियों को ढूंढ निकालने में फिलहाल कोई कामयाबी नहीं मिली है। पुंछ जिले के सुरनकोट-मेंढर के पहाड़ी इलाके में स्थित जंगलों में आतंकवादियों के छिपे होने की आशंका है। हालांकि शनिवार को सुरक्षाबलों ने अपने तलाशी अभियान के दायरे को राजौरी जिले तक बढ़ा दिया। पुंछ और राजौरी जिले पाकिस्तान के साथ जुड़ी नियंत्रण रेखा (एलओसी) के साथ लगे हुए हैं और दोनों ही जिले 10 अक्टूबर से हाई अलर्ट पर हैं।