- हरदोई में अखिलेश यादव ने मौहम्मद अली जिन्ना का महिमामंडन किया। रविवार की रैली में उन्होंने सरदार बल्लभ भाई पटेल की तुलना जिन्ना से की।
लखनऊ: सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के जिन्ना पर दिए गए बयान को लेकर बीएसपी सुप्रीमों मायावती ने उन पर हमला बोला। इतना ही नहीं मायावती ने अखिलेश यादव पर बीजेपी के साथ साठगांठ का आरोप लगा दिया। उन्होंने कहा कि हरदोई में जिन्ना पर अखिलेश का बयान और उसे लपककर बीजेपी की प्रतिक्रिया दोनों पार्टियों की सोची समझी रणनीति का हिस्सा है। बीएसपी अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि यूपी के आगामी चुनाव में हिंदू-मुस्लिम के जरिए माहौल बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है। मायावती का आरोप है कि बीजेपी और सपा के बीच अंदरूनी मिलीभगत चल रही है।
मायावती ने तंज कसते हुए कहा कि सपा और बीजेपी एक दूसरे के पोषक और पूरक रही है। उनका कहना है कि दोनों दलों की सोच जातिवादी और संप्रदायिक है। इसी वजह से दोनों का अस्तित्व एक दूसरे पर आधारित रहा है। बीएसपी अध्यक्ष ने कहा कि यही वजह है कि जब सपा सत्ता में होती है तो बीजेपी मजबूत होती है। जब बीएसपी सत्ता में होती है तो बीजेपी कमजोर हो जाती है।
अखिलेश यादव के बयान पर विवाद
बता दें कि हरदोई में अखिलेश यादव ने मोहम्मद अली जिन्ना का महिमामंडन किया। रविवार की रैली में उन्होंने सरदार बल्लभ भाई पटेल की तुलना जिन्ना से की। उन्होंने कहा कि सरादर पटेल जवाहरलाल नेहरू और जिन्ना एक ही संस्थान से पढ़कर बैरिस्टर बने। सभी ने आजादी की लड़ाई लड़ी। जिन्ना से पटेल की तुलना करने के बाद अखिलेश के बयान पर विवाद खड़ा हो गया है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी अखिलेश यादव पर हमला बोला है। उन्होंने एक सभा में कहा कि रविवार को सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने देश तोड़ने वाले जिन्ना से राष्ट्र को जोड़ने वाले सरदार वल्लभ भाई पटेल की तुलना की। यह बहुत ही शर्मनाक काम है।
‘पटेल से जिन्ना की तुलना शर्मनाक’
उन्होंने कहा कि यूपी की जनता इसे कभी स्वीकार नहीं करेगी। वहीं स्वतंत्र देव सिंह ने भी अखिलेश के इस बयान के बाद उन्हें आड़े हाथों लिया। उन्होंने पूछा कि सरकार पटेल की जयंती पर वह जिन्ना का महिमामंडन क्यों कर रहे हैं। इससे पहले योगी सरकार के मंत्री मोहसिन रजा ने भी अखिलेश यादव पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा कि अखिलेश ने इस तरह का बयान देकर देश के महापुरुषों का अपमान किया है। सपा अध्यक्ष ने विभाजनकारी जिन्ना की विचारधारा महात्मा गांधी, सरदार पटेल, जवाहरलाल नेहरू की विचारधारा को बताया है । सपा अध्यक्ष को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए।