प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना के 2 साल पूरे होने पर हुआ कार्यक्रम

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  • अच्छी सरकार वहीं है जो गांव-गरीब-किसान के बारे में विचार करे 
  • समग्र व संतुलित विकास की कल्पना को साकार करें: तोमर
  • प्रधानमंत्री की दूरदर्शिता से करोड़ों किसानों को घर बैठे मिल रहा पीएम-किसान का लाभ
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नई दिल्ली,(एजेंसी): 
भारत सरकार की महत्वाकांक्षी ‘प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि (पीएम-किसान)’योजना के सफल संचालन की दूसरी वर्षगांठ के अवसर पर बुधवार को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की अध्‍यक्षता में समारोह हुआ। इस मौके पर तोमर ने कहा कि अच्छी सरकार वहीं है जो गांव-गरीब-किसान के बारे में विचार करें,समग्र व संतुलित विकास की कल्पना को साकार करें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शिता के कारण आज देश के करोड़ों किसानों को पीएम-किसान जैसी स्कीम का घऱ बैठे लाभ मिल रहा है,यह योजना भारत के इतिहास में मील का पत्थऱ है। लगभग पौने 11 करोड़ किसान इससे लाभान्वित हो रहे हैं और बाकी बचे पात्र किसानों को भी इसका फायदा मिलेगा। तोमर ने इसके लिए राज्य सरकारों से अभियान चलाने का आग्रह किया है।

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ए.पी. शिंदे हाल,एनएएससी काम्‍पलेक्‍स,पूसा,नई दिल्‍ली में आयोजित गरिमामय समारोह में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री कैलाश चौधरी, उत्‍तर प्रदेश,हरियाणा, कर्नाटक, महाराष्‍ट्र,अरूणाचल प्रदेश व हिमाचल प्रदेश के कृषि मंत्री, केंद्रीय कृषि सचिव संजय अग्रवाल,राज्‍यों के नोडल अधिकारी एवं जिलों के अधिकारी तथा स्कीम के सीईओ-संयुक्त सचिव विवेक अग्रवाल भी उपस्‍थित थे।तोमर ने विभिन्‍न श्रेणियों में राज्यों- जिलों को पुरस्‍कार वितरित किए।
केंद्रीय मंत्री तोमर ने लाभार्थी किसानों को बधाई देने के साथ ही प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद देते हुए इस अच्छी, सार्थक व आम किसानों की आय में वृद्धि करने वाली योजना के लिए उनका अभिनंदन किया। मात्र 2 साल की अवधि में 10.75 करोड़ से अधिक लाभार्थी किसान परिवारों की पहचान करना व उन्‍हें 1.15लाख करोड़ रूपए से ज्यादा कालाभ अंतरण करना मोदी की सरकार के संकल्‍प और कार्यक्षमता को दर्शाता है। स्कीम की शुरूआत के समय सिर्फ 18 दिनों में,लाभार्थियों की पहचान से लेकर वेबसाइट पर देने तक पूरी प्रक्रिया संपन्न करते 1 करोड़ से अधिक किसानों को 2 हजार करोड़ रू.से ज्यादा राशि ट्रांसफर करने का इतिहास रचा गया था।

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