महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम निषेध और निवारण) अधिनियम-2013 की दी जानकारी

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कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम निषेध और निवारण) अधिनियम-2013 की आठवीं वर्षगांठ पर आईआईएमटी विश्वविद्यालय में कार्यशाला का आयोजन किया गया।
  • आईआईएमटी विश्वविद्यालय में कार्यशाला का आयोजन

मेरठ। कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम निषेध और निवारण) अधिनियम-2013 की आठवीं वर्षगांठ पर महिला एवं बाल विकास मंत्रालय एवं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के निर्देशानुसार आईआईएमटी विश्वविद्यालय मेरठ में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। महिला प्रकोष्ठ एवं समिति की अध्यक्षा डा.मंजू गुप्ता ने विभिन्न विभागों की छात्राओं,छात्र,शिक्षिकाओं एवं महिला कर्मियों को संबोधित करते हुए इस कार्यशाला की महत्व को बताया। कार्यस्थल पर समानता,सुरक्षा आदि विषयों पर व्यापक चर्चा कार्यशाला में की गई।
समिति सदस्य आशा यादव,डा.सतीश (डीन काॅमर्स) ने कार्यशाला में अपने विचार प्रस्तुत किए। मंजीता शर्मा (शिक्षा विभाग) व विद्यार्थियों ने नुक्कड़ नाटिका तथा अपने अनुभव से इस अधिनियम को महिला संरक्षण के लिए अत्यंत प्रभावी बताया। प्रतिकुलपति डा.सतीश कुमार बंसल ने सभी प्रतिभागियों से अपनी बात अथवा समस्या समिति के सदस्यों को अवश्य बताने का अनुरोध किया। उन्होेंने कहा कि धर्म-जाति से ऊपर उठकर प्रत्येक व्यक्ति को सहयोग व सुरक्षा के लिए आगे आना चाहिए। महिलाओं को अपने छठे नेत्र के अर्थात अहसास के आधार पर अपनी सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए। सोशल मीडिया,मोबाइल के उपयोग के दौरान विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए व हमेशा समूह में रहना चाहिए।
कार्यशाला में लगभग 200 बालिकाओं बालक एवं शिक्षिकाओं ने प्रतिभाग किया। कार्यशाला के अंत में समिति अध्यक्षा डा.मंजू गुप्ता ने सभी का आभार व्यक्त किया।

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