Thursday, March 7, 2024

सुभारती विश्वविद्यालय में एक दिवसीय मिनी राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन

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मेरठ : शिक्षण संस्थान जिस तरह कक्षा के अंदर विद्यार्थियों के उन्यन और विकास में सहभागिता निभाते है, वैसे ही उन्हें अब शिक्षण संस्थान से बाहर ग्रामीणों को जागरूक और विकसित करने में अहम भूमिका निभानी है। तभी हम सफल राष्ट्र की तरफ अग्रेसित हो पायेंगे। समता, समावेश, समन्वय और स्वावलंबन से ही चहुंमुखी विकास को प्राप्त कर पायेंगे। उक्त बातें महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण शिक्षण परिषद् के प्रतिनिधि अनिल कुमार दूबे ने सुभारती विश्वविद्यालय में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण शिक्षण परिषद द्वारा मंगलवार को आयोजित राष्टीय सम्मेलन में कही। सम्मेलन का विषय मेन्टरिंग इंस्ट्यूशनल सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटि एंड फेसिलिटेटिंग कम्यूनिटि इंगेज्मेंट था।
कार्यक्रम की शुरूआत मां सरस्वती व स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा के सामने दीप प्रज्वलित कर हुई। अतिथियों का स्वागत कला एवं समाज विज्ञान संकाय के अधिष्ठाता एवं राष्टीय सेवा योजना के समन्वयक प्रो.डा.नीरज कर्ण सिंह ने किया। उन्होंने अपने संबोधन में सभी अतिथियों को सुभारती विश्वविद्यालय के बारे में बताया। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा सामाजिक जिम्मेदारियों के निर्वहन से भी सबका परिचय कराया। सुभारती विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ. जी.के. थपलियाल ने केंद्र सरकार द्वारा चलायी जा रही परियोजनाओं की सराहना करते हुए उनका उल्लेख किया।उन्होने कहा कि इन योजनाओं को सस्टेन एवं धरातल पर उतारने का अहम कार्य शिक्षण संस्थानों का और विद्यार्थियां का है।
पर्यावरण विज्ञान विभाग के प्रो.डा.मुकेश रोहिला ने विषय प्रर्वतन करते हुए सुभारती विश्वविद्यालय द्वारा किये गये कार्यो के आलोक में मिले ग्रीन चैम्पियन अवार्ड का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि सुभारती विवि 500 किलोवॉट बिजली का उत्पादन सौर उर्जा के द्वारा कर रहा है। विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रो डॉ अभय शंकरगौडा ने सौरउर्जा चालित वाहन, वर्षा जल संरक्षण, गौरैया संरक्षण से सभी को रूबरू कराया। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण शिक्षण परिषद के आकदमिक सलाहकार सुधीर कुमार ने परिषद द्वारा पिछले साल किये गये कार्यां के बारे में सबको बताया। उन्होंने बताया कि परिषद् प्रतिवर्ष 5 पीडीएफ देता है। पिछले साल 47 एफडीपी कार्यक्रम, 22 पाठ्य पुस्तकों का भी निर्माण कराया। विभिन्न जिलों से आये प्रतिनिधियों में बिजनौर डायट से सुश्री मेघा, सहारणपुर से सुश्री रेणु, गाजियाबाद से संजीव सिंह, डीएवी मुजफरनगर से सुरेंद्र पाल, डीजे कॉलेज बागपत से किरण गर्ग, आईपी कॉलेज बुलंदशहर से श्याम सिंह शामिल थे। सभी ने अपने द्वारा किये गये कार्यां का उल्लेख किया। सुभारती विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व विधि संकाय के संकायाध्यक्ष प्रो वैभव गोयल ने किया। उन्होने विश्वविद्यालय द्वारा चलाये जा रहे ग्रामीण विधि सहायता, पर्यावरण संरक्षण सहित विभिन्न गतिविधियों के बारे में संपूर्ण जानकारी दी। सुभारती विश्वविद्यालय से ही गीता परवंदा जी ने विश्वविद्यालय द्वारा स्वास्थ्य जागरूकता के क्षेत्र में किये गये कार्यां को साझा किया।
कार्यक्रम के अंत में सभी अतिथियों को अंगवस्त्र और प्रतिक चिंह भेंट किया गया। धन्यवाद ज्ञापन डा.अनोज राज ने व संचालन राम प्रकाश तिवारी ने किया।

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