Saturday, April 20, 2024

सुभारती विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस व सुभारती दिवस का हुआ आयोजन

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मेरठ। स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय के स्वामी विवेकानन्द शोध पीठ एवं संस्कृति विभाग के संयुक्त तत्वाधान में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस व सुभारती दिवस का कार्यक्रम आयोजित किया गया। भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री महान शिक्षाविद मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती के साथ गुरूतेग बहादुर व शहीद बाबा दीप सिंह की पुण्यतिथि सुभारती दिवस के रूप में मनाई गई।
कार्यक्रम का शुभारंभ सुभारती विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डा.जी.के थापलियाल ने मुख्य अतिथि कवि डा.ईश्वर चन्द्र गंभीर,पत्रकारिता संकाय के डीन डा.नीरज कर्ण सिंह, लॉ कॉलिज के डीन डा.वैभव गोयल भारतीय, संस्कृति विभागाध्यक्ष डा.विवेक कुमार व सचिव कुलदीप नारायण के साथ महापुरूषों के चित्रों के समक्ष दीप प्रज्जवलन करके किया। कार्यक्रम में कुलपति डा.जी.के थापलियाल ने मुख्य अतिथि के साथ मिलकर जरूरतमंदों को गर्म कपडे़ भी वितरित किये।
लॉ कॉलिज के डीन वैभव गोयल भारतीय ने राष्ट्रीय शिक्षा दिवस एवं सुभारती दिवस के महापुरूषों के इतिहास व उनके बलिदान पर प्रकाश डाला। पत्रकारिता संकाय के डीन डा. नीरज कर्ण सिंह ने शिक्षा के महत्व और भारतीय गुरूकुल परम्परा के विषय पर अपने विचार रखे।
कुलपति डा.जी.के.थापलियाल ने विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि गुरु का स्थान माता-पिता से ऊपर है। हमें जन्म माता-पिता से मिलता है लेकिन हमे जीवन में जीने की शिक्षा, कामयाब बनने की शिक्षा सिर्फ गुरु देता है। उन्होंने कहा कि शिक्षा द्वारा मानव का समग्र विकास होता है और जीवन का मार्ग दर्शन हमें शिक्षा के द्वारा ही मिलता है। उन्होंने कहा कि हमें अपने जीवन में नैतिक मूल्यों को आत्मसात करना चाहिए अपनी संस्कृति के संरक्षण हेतु कार्य करने चाहिए। उन्होंने विशेष बताया कि सुभारती विश्वविद्याल में हर माह किसी न किसी महापुरूष की जयंती व पुण्यतिथि सुभारती दिवस के रूप में मनाकर अपने विद्यार्थियों को सभी महापुरूषों के इतिहास व उनके बलिदान से रूबरू कराया जा रहा है ताकि विद्यार्थी महापुरूषों से प्रेरणा लेकर देशहित में कार्य कर सके। उन्होंने बताया कि सुभारती विश्वविद्यालय के समस्त कॉलिज,विभाग एवं मार्ग विभिन्न महापुरूषों के नाम पर स्थापित है जिससे विद्यार्थियों को अपने महापुरूषों से प्रेरणा मिल रही है।
मुख्य अतिथि कवि डा.ईश्वर चन्द्र गंभीर ने अपनी कविता सुनाकर सभी को मंत्र मुग्ध कर दिया। उन्होंने कहा कि हमारा देश वीरों का देश है और हमारे देश के संस्कारों ने हमेशा मानवता के उत्थान का संदेश दिया है। उन्होंने सभी विद्यार्थियां से महापुरूषों के जीवन के बारे में अध्ययन करने एवं उनसे प्रेरणा लेकर देशहित में कार्य करने की अपील की।
मंच का संचालन संस्कृति विभाग प्रमुख डा.विवेक कुमार एवं डा.सिम्मी गुरवारा ने किया।
वंदेमातरम से कार्यक्रम का समापन हुआ। कार्यक्रम पश्चात प्रसाद वितरण किया गया। इस अवसर पर डा.नीरज कर्ण सिंह, डा.वैभव गोयल भारतीय, कुलदीप नारायण, विकास त्यागी,राजकुमार सागर,सतेन्द्र,अनिल कुमार, संजय जुगरान आदि उपस्थित रहे।

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