फिलहाल सीटों के बंटवारे को लेकर बीजेपी 2017 के फार्मूले को अपना रही है और इसमें वह ज्यादा से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ी थी और वह 312 सीटों पर जीत दर्ज करने में कामयाब रही थी। जबकि बीजेपी गठबंधन को 325 मिली थी।
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी अंतिम तीन चरणों के उम्मीदवारों के लिए नामों पर मुहर लगा सकती है। फिलहाल दिल्ली में इसके लिए बैठकों का दौर जारी है और बीजेपी मंगलवार या बुधवार तक कुल 172 टिकटों की घोषणा कर सकती है। वहीं पार्टी में इस बात को लेकर बड़ी चर्चा है इस लिस्ट में 80 मौजूदा विधायकों के टिकट कट सकते हैं। इसके साथ ही एक दर्जन से अधिक नेताओं की सीटों में फेरबदल हो सकता है। हालांकि इस मामले में पार्टी ने आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा है।
दरअसल सोमवार को बीजेपी मुख्यालय में कोर कमेटी की बैठक हुई और इस बैठक में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह, सीएम योगी आदित्यनाथ समेत पार्टी के बड़े नेता मौजूद थे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आज होने वाली बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी भी हिस्सा ले सकते हैं और आज इसके बाद प्रत्याशियों के नामों पर मुहर लगने की संभावना बढ़ गई है। हालांकि दिल्ली में चल रही बैठक के बाद पार्टी के मौजूदा विधायकों और नेताओं की दिल्ली की धड़कनें बढ़ गई हैं। वहीं पार्टी भी अलर्ट है क्योंकि टिकट कटने के बाद विधायक और नेता बागी हो सकते हैं और दूसरे दलों का दामन थाम सकते हैं।
सहयोगी दलों की सीटों पर भी होगा फैसला
दिल्ली में चल रही बैठक में इस बार सहयोगी दलों को दी जाने वाली सीटों पर भी फैसला किया जाएगा। जानकारी के मुताबिक यूपी में बीजेपी करीब 380 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है और इसके साथ ही 23 सीटें निषाद पार्टी और अपना दल को दे सकती है। हालांकि दोनों ही दल ज्यादा सीटों की डिमांड कर रहे हैं। बीजेपी अभी तक अपने 197 उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है और इसमें सहयोगी दलों को सीटें नहीं दी गई है। फिलहाल सीटों के बंटवारे को लेकर बीजेपी 2017 के फार्मूले को अपना रही है और इसमें वह ज्यादा से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ी थी और वह 312 सीटों पर जीत दर्ज करने में कामयाब रही थी। जबकि बीजेपी गठबंधन को 325 मिली थी।
दो दर्जन सीटों पर दावा कर रही है अपना दल
यूपी में अपना दल बीजेपी से दो दर्ज सीटें मांग रही हैं और इसके पीछे पार्टी का तर्क है कि 2017 के विधानसभा चुनाव में उनसे 11 सीटों पर चुनाव लड़ा था और वह 9 सीटों पर जीत दर्ज करने में सफल रही। जबकि बीजेपी ने 380 सीटों पर चुनाव लड़ा था और वह 312 सीटों पर चुनाव जीत पाई थी। लिहाजा वह इस बार अपने कोटे में ज्यादा सीटें चाहती है। जबकि बीजेपी उसे 14 से 15 सीटें देने को तैयार हैं। वहीं निषाद पार्टी भी 15 सीटों की मांग कर रही है और उसने 2017 में 72 सीटों पर चुनाव लड़ा था और वह महज एक सीट जीतने में कामयाब रही। वहीं बीजेपी निषाद पार्टी को महज आधा दर्जन सीटें देना चाहती है।
Copyright 2021 @ Divyavishwas News | All Rights Reserved