Friday, April 19, 2024

बागपत के महाभारतकालीन मन्दिर में उमड़ रही शिवभक्तों की भीड़

Must read

सक्षम एप बनेगा दिव्यांग मतदाताओं के लिए मददगार, एक क्लिक पर सुविधाओं का ले सकेंगे लाभ

ब्यूरो चीफ, विकास बड़गुर्जर बागपत : निर्वाचन में सूचना प्रौद्योगिकी और नई तकनीकें अहम भूमिका निभा रही हैं। निर्वाचन प्रक्रिया में मतदाताओं की भागीदारी एवं...

सपा प्रतयाशी अमरपाल शर्मा का स्वागत कर जिताने का आवाहन किया

ब्यूरो चीफ, विकास बड़गुर्जर बिनौली:दरकावदा गांव में सोमवार लोकसभा क्षेत्र बागपत से समाजवादी पार्टी ( इंडिया गठबंधन ) प्रत्याशी पूर्व विधायक पंडित अमरपाल शर्मा का...

न्यू एरा स्कूल को मिली सीबीएसई 12 वीं की मान्यता

ब्यूरो चीफ, विकास बडगुर्जर  बिनौली:केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड दिल्ली से बिनौली के न्यू एरा वर्ल्ड स्कूल को सीबीएसई 12वीं तक की मान्यता मिल गयी है।...

शिक्षाविद् सुशील वत्स की न्यू ऐरा पब्लिक स्कूल बिनौली में उप प्रधानाचार्य पद पर नियुक्ति

ब्यूरो चीफ, विकास बडगुर्जर  बिनौली:8 शिक्षाविद् सुशील वत्स ने बिनौली स्थित न्यू ऐरा पब्लिक स्कूल में कार्यभार संभाला। इस अवसर पर उनका स्वागत विद्याल्य के...

बागपत। सावन का महीना प्रारम्भ होते ही बागपत के महाभारतकालीन अति प्राचीन शिव मंदिर में शिवभक्तों की भीड़ उमड़नी शुरू हो गयी है। स्वामी कृष्णबोध आश्रम पक्का घाट बागपत में स्थित इस शिव मन्दिर में शिवरात्रि को उत्तराखण्ड़ से गंगा जल लेकर आये हजारों शिवभक्तों ने जलाभिषेक किया और पूजा-अर्चना की। आश्रम के प्रबन्धक संत उद्धव स्वरूप ब्रहमचारी जी ने बताया कि आश्रम में अनेकों भगवान, देवी-देवताओं के मन्दिर बने हुए है। वर्श भर यहां पर श्रद्धालुगण पूजा के लिए आते रहते है। सावन में इस स्थान पर पूजा-अर्चना की विशेष महत्ता मानी जाती है। सावन में भगवान शिव का जलाभिषेक करने से भक्तों पर भगवान की विशेष कृपा होती है।
आश्रम की सेवा करने वाले हीरालाल ने बताया कि मन्दिर से जुड़ी हुई अनेकों पौराणिक कथाएं प्रचलित है। इन्हीं में से एक पौराणिक मान्यता के अनुसार लाक्षागृह से बच निकलने के बाद पांडव इसी शिव मंदिर से थोड़ी दूर कुटी बनाकर रहते थे और इस मंदिर में पूजा-अर्चना किया करते थे। जिस स्थान पर पांडव लाक्षागृह से निकले थे वह गुफा आज भी मौजूद है और वह स्थान आज कुटी वाले मन्दिर के नाम से प्रसिद्ध है।

Latest News