Tuesday, April 23, 2024

फैक्ट चैक से होगा फेक न्यूज का समाधान

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  • फेक न्यूज के खिलाफ विद्यार्थियों के लिए जागरुकता वर्कशॉप आयोजित

मेरठ। सोशल मीडिया यानी फेसबुक, इंस्टाग्राम, यू ट्यूब से लेकर व्हाट्स अप तक जरूरी सूचनाओं के साथ-साथ फेक न्यूज भी आम जनता को परोस रहे हैं। सभी सियासी दलों से लेकर मीडिया घरानों तक का इनमें हाथ जब-तब सामने आता है। अक्सर बड़े सियासी नेताओं से लेकर बॉलीवुड के बड़े नाम भी अक्सर फेक न्यूज का शिकार बन जाते हैं। बड़ी हस्तियां तक इनका शिकार बन जाती हैं और अनजाने में ही इन्हीं खबरों की सत्यता जांचे बगैर ही इन खबरों को अपने हैंडल से फॉरवर्ड भी कर देते हैं। आईआईएमटी विश्वविद्यालय में साइंस कम्युनिकेशन और फैक्ट फाइंडिंग पर छात्रों को जानकार बनाने के लिए एक दिवसीय वर्कशॉप का आयोजन किया गया।
आईआईएमटी विश्वविद्यालय मेरठ के जनसंचार एवं फिल्म एंड टेलीविजन स्टडीज विभाग में साइंस कम्युनिकेशन और फैक्ट फाइंडिंग के बारे में जागरुकता के लिए वर्कशॉप का आयोजन किया गया। दिल्ली में बीते 23 सालों से साइंस कम्युनिकेटर के क्षेत्र में विज्ञान से जुड़े हुए और विज्ञान प्रसार के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा.निमिष कपूर ने छात्रों के साथ बात करते हुए फेक न्यूज के मायाजाल को विस्तार से समझाया। उन्होंने बताया कि कभी कभी फेक न्यूज सिर्फ गलती से ऐसा होता और ज्यादातर मामलों में जानबूझ कर लोगों का नुकसान करने के लिए भी फेक न्यूज का सहारा लिया जाता है और ऐसी प्रवृत्तियों को हम फैक्ट फाइंडिंग के माध्यम से हतोत्साह कर सकते हैं।
एक उदाहरण देते हुए निमिष कपूर ने समझाया कि कोरोना काल में केंद्र सरकार लॉक डाउन लगाने में जुटी थी मगर अचानक दिल्ली के कुछ नेताओं ने दिल्ली के प्रवासी मजदूरों को फेक न्यूज के सहारे दिल्ली बॉर्डर पर इकट्ठा कर दिया। जिससे कोरोना के मामलों में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई और जनहानि भी हुई। हाल ही में पंजाब में फेक न्यूज फैलाने वाले कई हजार अकाउंट्स को बंद किया गया जिनको लाखों की तादात में देखा जा रहा था। इनमें से ज्यादातर विदेशी धरती से ऑपरेट किए जा रहे थे।
वर्कशॉप में छात्रों को सूचना क्रान्ति के नए सॉफ्टवेयर से दो-चार कराते हुए वरिष्ठ साइंटिस्ट निमिष कपूर ने खबरों की सत्यता की परख करने के लिए गूगल रिवर्स इमेज सर्च से लेकर बाकी सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल का सही तरीका भी समझाया।
वर्कशॉप में छात्रों को फोटो, समाचार या वीडियो की सत्यता परखने के लिए इन सॉफ्टवेयर्स का इस्तेमाल करना सिखाया गया। साथ ही फर्जी खबरों के सोर्स तक पहुंचने और फेक न्यूज फैलाने वाले सोर्स की शिकायत करने और उसके खिलाफ कार्रवाई करने के सही तरीके भी छात्रों को सिखाए गए। साइंस कम्युनिकेटर निमिष कपूर ने वर्कशॉप में छात्रों को प्रैक्टिकल करवाया गया।
जनसंचार एवं फिल्म एंड टेलीविजन स्टडीज विभाग के संकायाध्यक्ष डा.सुभाष चंद्र थलेड़ी और विभागाध्यक्ष विशाल शर्मा ने कार्यशाला के लिए आगन्तुक शिक्षक-वैज्ञानिक डा.निमिष कपूर का आभार जताया। कार्यशाला का संचालन पत्रकारिता और जनसंचार की छात्रा सोनल ने किया। कार्यक्रम के बाद छात्रों को समय-समय पर इन सॉफ्टवेयर्स का इस्तेमाल करना सीखने के अलावा बाकी लोगों को भी फेक न्यूज के खिलाफ जागरुक करने की अपील की। कार्यक्रम को सफल बनाने में वरिष्ठ शिक्षक डा.नरेंद्र कुमार मिश्रा, असिस्टेंट प्रोफेसर निशांत सागर, डा.विवेक सिंह, डा.पृथ्वी सेंगर, सचिन गोस्वामी और विभोर गौड़ ने सहयोग किया।

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