Friday, March 1, 2024

गोस्वामी तुलसीदास जी की जंयती धूमधाम से मनाई

Must read

शिक्षाविद् सुशील वत्स की न्यू ऐरा पब्लिक स्कूल बिनौली में उप प्रधानाचार्य पद पर नियुक्ति

ब्यूरो चीफ, विकास बडगुर्जर  बिनौली:8 शिक्षाविद् सुशील वत्स ने बिनौली स्थित न्यू ऐरा पब्लिक स्कूल में कार्यभार संभाला। इस अवसर पर उनका स्वागत विद्याल्य के...

माघी पूर्णिमा पर श्री रामेश्वरम धाम में अपराजैय अग्निहोत्रम अनुष्ठान सम्पन्न

रामेश्वरम/मसूरी: भगवान श्री राम के पूज्य स्थल और भगवान शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंगम में से एक श्री रामेश्वरम में मसूरी से पधारे जगदगुरु आर्यम...

पुलिस ने अवैध तमंचा बनाने की फैक्ट्री पकड़ी

ब्यूरो चीफ, विकास बडगुर्जर  बिनौली:शाहपुर बाणगंगा गांव के वन्य क्षेत्र में चल रही अवैध हथियार बनाने की अवैध फैक्ट्री पर छापेमारी कर बिनौली पुलिस ने...

धूमधाम से निकाली संत रविदास शोभायात्रा

ब्यूरो चीफ, विकास बडगुर्जर  बिनौली: संत रविदास जयंती शनिवार को क्षेत्र में धूमधाम से मनाई गई। इस अवसर पर बिनौली, जिवाना, गढ़ीदुल्ला, रंछाड, शेखपुरा आदि...

हापुड़। भारतीय जनता दल के हापुड़ जिला मुख्यालय पर गुरुवार को गोस्वामी तुलसीदास जी की जंयती बड़े धूमधाम से मनाई गई। गोस्वामी तुलसीदास जी के चित्र पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राजेश गिरी द्वारा माल्यार्पण किया गया। उन्होंने प्रकाश डाला कि तुलसीदास जी द्वारा रचित रामचरित मानस एक ऐसा महाकाव्य है जो समाज का स्पष्ट दर्शन करता है। यह महाकाव्य माता, पिता, गुरु, भाई, शिष्य आदि का एक दूसरे के प्रति कर्तव्यों तथा आदर्शों को प्रदर्शित करता है।
गुड्डू पंडित ने बताया कि, प्रत्येक वर्ष सावन माह में शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को तुलसीदास जयंती मनाई जाती है। तुलसीदास जी हिंदी साहित्य के एक महान कवि थे। रामचरित मानस जैसे महाकाव्य की रचना गोस्वामी तुलसीदास ने ही की थी। तुलसीदास की इस रचना ने उन्हें अमर कर दिया। रामचरित मानस में तुलसीदास जी ने मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के जीवन का काव्य रूप में वर्णन किया है। कहा जाता है कि गोस्वामी तुलसीदास को प्रभु श्रीराम के साक्षात दर्शन हुए थे।
मूलचन्द गिरी ने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास भक्ति रस के कवि थे। उन्होंने कई ग्रंथों की रचना की लेकिन रामचरितमास की रचना कर तुलसीदास अमर हो गए। कहा जाता है कि जब तुलसीदास का जन्म हुआ तो उनके मुख से ‘राम’ शब्द निकला था। यही कारण है कि उनका नाम रामबोला पड़ गया। तुलसीदास का जन्म चित्रकूट के राजापुर गांव में आत्माराम दुबे और हुलसी के घर पर संवत 1554 में श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को हुआ था।
उत्तर प्रदेश नवजन कल्याण परिषद के महामंत्री हरिराज गोस्वामी ने तुलसीदास जी के जीवन व उनकी रचनाओं पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर जिला महिला अध्यक्ष हापुड़ मधु शर्मा, जिला अध्यक्ष बीरेंद्र सिंह, महकार सिंह, रामानंद शर्मा ने कहा कि रामचरितमानस एक ऐसा ग्रंथ है, जिसका सभी को अनुसरण करना चाहिए।

Latest News