Tuesday, September 26, 2023

भारत के राष्ट्रपति ने “भारतीय संस्कृति में मानवीय जिजीविषा” पुस्तक की प्रथम प्रति प्राप्त की

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बासौली में हुआ सोसायटी सदस्यता अभियान का शुभारंभ

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बिनौली थाने में किसानों के साथ इंस्पेक्टर ने की बैठक

ब्यूरो चीफ, विकास बड़गुर्जर बिनौली: थाना परिसर में रविवार को क्षेत्र के गांवों के किसानों की बैठक हुई। जिसमें राजस्व संबन्धी समस्याओं को आपसी सहयोग...

सहकार से समृद्धि “योजना के तहत जनपद बागपत की बी-पैक्स समिति बासौली में महासदस्यता अभियान चलाकर लगाया कैंप

ब्यूरो चीफ, विकास बड़गुर्जर बागपत: सहकार से समृद्धि “योजना के तहत जनपद बागपत की बी पैक्स समिति बासौली में महा सदस्यता अभियान के अन्तर्गत विशेष...

रक्तदान शिविर में पुलिस कर्मियों सहित 60 ग्रामीणों ने किया रक्तदान

ब्यूरो चीफ, विकास बड़गुर्जर बिनौली। सर्व हितकरी इंटर कॉलेज बिनौली में रविवार को लिटिल स्टार चैरिटेबिल ब्लड बैंक मेरठ के सौजन्य से रक्तदान शिविर का...

नई दिल्ली: भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने 09 मार्च 2022 को राष्ट्रपति भवन में आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी के निबंध संकलन “भारतीय संस्कृति में मानवीय जिजीविषा” की पहली प्रति आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी मेमोरियल ट्रस्ट की अध्यक्ष एवं निबंध संकलन की संपादक  डा.अपर्णा द्विवेदी से प्राप्त की। आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी मेमोरियल ट्रस्ट के ट्रस्टी नूपुर पाण्डेय, रत्नेश मिश्र और अशोक महेश्वरी भी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे।
भारतीय परंपरा में आधुनिकता और आधुनिकता में परंपरा के अप्रतिम द्रष्टा, आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी ने भाषा विज्ञान, समालोचना, सांस्कृतिक विमर्श, उपन्यास तथा निबंध के क्षेत्र में नए मार्ग प्रशस्त किए। संत कबीर को महान साहित्यिक कवि के रूप में प्रतिष्ठित करने का श्रेय उन्हें ही दिया जाता है। गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर के सानिध्य में उनके योगदान ने हमारी साहित्यिक विरासत को समृद्ध किया है।
इस अवसर पर अपनी संक्षिप्त टिप्पणी में राष्ट्रपति ने कबीर जैसे कवियों के कृतित्व के प्रसार में आचार्य द्विवेदी के योगदान को सराहा। साथ ही उन्होंने जन-संपर्क भाषा के रूप में हिन्दी के प्रसार पर बल दिया।

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